अभ्युत्थान: Difference between revisions
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<span class="GRef">प्रवचनसार / तात्पर्यवृत्ति टीका / गाथा 262</span><p class="SanskritText"> अभिमुखगमनमभ्युत्थानम्॥</p> | |||
<p class="HindiText">= विनयपूर्वक मुनि के सम्मुख जाना अभ्युत्थान है।</p> | <p class="HindiText">= विनयपूर्वक मुनि के सम्मुख जाना अभ्युत्थान है।</p> | ||
<p>(विशेष देखें [[ विनय ]])।</p> | <p class="HindiText">(विशेष देखें [[ विनय ]])।</p> | ||
Latest revision as of 15:54, 31 August 2022
प्रवचनसार / तात्पर्यवृत्ति टीका / गाथा 262
अभिमुखगमनमभ्युत्थानम्॥
= विनयपूर्वक मुनि के सम्मुख जाना अभ्युत्थान है।
(विशेष देखें विनय )।