जिनपूजा-पुरंदरव्रत: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
ShrutiJain (talk | contribs) No edit summary |
||
(3 intermediate revisions by one other user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
किसी भी मास की शुक्ला 1 से लेकर 8 तक उपवास या एकाशना करे। नमस्कार मंत्र का त्रिकाल जाप्य करे। (व्रतविधान संग्रह/पृ.62); (किशनसिंह क्रियाकोश)। | |||
[[जिनपालित | | <noinclude> | ||
[[ जिनपालित | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[Category:ज]] | [[ जिनप्रेमा | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | |||
[[Category: ज]] | |||
[[Category: चरणानुयोग]] |
Latest revision as of 15:19, 6 September 2022
किसी भी मास की शुक्ला 1 से लेकर 8 तक उपवास या एकाशना करे। नमस्कार मंत्र का त्रिकाल जाप्य करे। (व्रतविधान संग्रह/पृ.62); (किशनसिंह क्रियाकोश)।