भगवतीदास: Difference between revisions
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<li> दिल्ली गद्दी के भट्टारक | <li> दिल्ली गद्दी के भट्टारक महींद्र के शिष्य अंबाला निवासी एक अपभ्रंश कवि जिन्होंने अंत समय में मुनिव्रत धारण करके समाधिपूर्वक देहत्याग किया था। कृतियें―टंडाणा रास, बनजारा रास, आदित्यवार रास, पखवारा रास, खिचड़ी रास, समाधि रास, योगी रास, मनकरहा रास, रीहिणीव्रत रास, अनंत चतुर्दशी चौपाई, चुनड़ी मुक्ति रमणी, ढमाल राजमती नेमीसुर संज्ञानी ढमाल, वीर जिनेंद्र स्तुति, आदिनाथ-शांतिनाथ विनती, अनथमी, अनुप्रेक्षाभावना, सुगंध दशमी कथा, आदित्यवार कथा। समय–कृतियों का रचना काल वि. 1680-1700 (ई. 1623-1643)। (ती./4/238)। </li> | ||
<li> ब्रह्म विलास आदि के कर्ता भैया भगवतीदास नामक एक गृहस्थ कवि। समय–वि. 1731-1755 (ई.1674-1698)। (ती./4/263)। (146 कामता)।</li> | <li> ब्रह्म विलास आदि के कर्ता भैया भगवतीदास नामक एक गृहस्थ कवि। समय–वि. 1731-1755 (ई.1674-1698)। (ती./4/263)। (146 कामता)।</li> | ||
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Latest revision as of 11:18, 9 September 2022
- दिल्ली गद्दी के भट्टारक महींद्र के शिष्य अंबाला निवासी एक अपभ्रंश कवि जिन्होंने अंत समय में मुनिव्रत धारण करके समाधिपूर्वक देहत्याग किया था। कृतियें―टंडाणा रास, बनजारा रास, आदित्यवार रास, पखवारा रास, खिचड़ी रास, समाधि रास, योगी रास, मनकरहा रास, रीहिणीव्रत रास, अनंत चतुर्दशी चौपाई, चुनड़ी मुक्ति रमणी, ढमाल राजमती नेमीसुर संज्ञानी ढमाल, वीर जिनेंद्र स्तुति, आदिनाथ-शांतिनाथ विनती, अनथमी, अनुप्रेक्षाभावना, सुगंध दशमी कथा, आदित्यवार कथा। समय–कृतियों का रचना काल वि. 1680-1700 (ई. 1623-1643)। (ती./4/238)।
- ब्रह्म विलास आदि के कर्ता भैया भगवतीदास नामक एक गृहस्थ कवि। समय–वि. 1731-1755 (ई.1674-1698)। (ती./4/263)। (146 कामता)।