नंद वंश: Difference between revisions
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<div class="HindiText">मगध देश का एक प्रसिद्ध राज्यवंश था। मगधदेश की राज्यवंशावली के अनुसार इसका राज्य राजा पालक के पश्चात् प्रारंभ हुआ और मौर्यवंश के प्रथम राजा चंद्रगुप्त द्वारा इसके अंतिम राजा धनानंद के परास्त हो जाने पर इसका नाश हो गया। अवंती या उज्जैनी नगरी इसकी राजधानी थी, और मगधदेश में इसकी सत्ता थी।<br/> | |||
[[ | समय- राजा विक्रमादित्य के अनुसार वी.नि.60-215 (ई.पू.467-312); तथा इतिहासकारों के अनुसार नवनंदों का काल (ई.पू.526-322)। -देखें [[ इतिहास#3.4 | इतिहास - 3.4]] (विशेष देखें [[ परिशिष्ट#2 | परिशिष्ट - 2]])</div> | ||
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मगध देश का एक प्रसिद्ध राज्यवंश था। मगधदेश की राज्यवंशावली के अनुसार इसका राज्य राजा पालक के पश्चात् प्रारंभ हुआ और मौर्यवंश के प्रथम राजा चंद्रगुप्त द्वारा इसके अंतिम राजा धनानंद के परास्त हो जाने पर इसका नाश हो गया। अवंती या उज्जैनी नगरी इसकी राजधानी थी, और मगधदेश में इसकी सत्ता थी।
समय- राजा विक्रमादित्य के अनुसार वी.नि.60-215 (ई.पू.467-312); तथा इतिहासकारों के अनुसार नवनंदों का काल (ई.पू.526-322)। -देखें इतिहास - 3.4 (विशेष देखें परिशिष्ट - 2)
समय- राजा विक्रमादित्य के अनुसार वी.नि.60-215 (ई.पू.467-312); तथा इतिहासकारों के अनुसार नवनंदों का काल (ई.पू.526-322)। -देखें इतिहास - 3.4 (विशेष देखें परिशिष्ट - 2)