विप्रतिपत्ति: Difference between revisions
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Latest revision as of 20:57, 22 September 2022
न्यायदर्शन सूत्र/ भा./2/1/7/58/20 न वृत्तिः समानेऽधिकरणे व्याहतार्थौ प्रवादौ विप्रतिपत्तिशब्दस्यार्थः। = एक वस्तु में परस्पर विरोधी दो वादों का नाम ‘विप्रतिपत्ति’ है। [अथवा विपरीत निश्चय का नाम विप्रतिपत्ति है ।]