गजदंत: Difference between revisions
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<li class="HindiText"> विदेह क्षेत्रस्थ सुमेरु पर्वत की चारों विदिशाओं में सौमनस, विद्युत्प्रभ, गंधमादन, माल्यवान नामक चार गजदंताकार पर्वत हैं। दो पर्वत सुमेरु से निकलकर निषध पर्वत तक लंबायमान स्थित हैं। और दो पर्वत सुमेरु से निकलकर नील पर्वत पर्यंत लंबायमान स्थित हैं। विशेष–देखें [[ लोक#3.11 | लोक - 3.11]]। </li> | <li class="HindiText"> विदेह क्षेत्रस्थ सुमेरु पर्वत की चारों विदिशाओं में सौमनस, विद्युत्प्रभ, गंधमादन, माल्यवान नामक चार गजदंताकार पर्वत हैं। दो पर्वत सुमेरु से निकलकर निषध पर्वत तक लंबायमान स्थित हैं। और दो पर्वत सुमेरु से निकलकर नील पर्वत पर्यंत लंबायमान स्थित हैं। विशेष–देखें [[ लोक#3.11 | लोक - 3.11]]। </li> | ||
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<span class="HindiText"> गजदंताकार चार पर्वत । सौमनस, विद्युत्प्रभ, गंधमादन और माल्यवान् ये चार पर्वत राजदंताकार हैं इसलिए गजदंत कहलाते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 5.180 </span> | |||
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Latest revision as of 13:11, 24 September 2022
सिद्धांतकोष से
- विदेह क्षेत्रस्थ सुमेरु पर्वत की चारों विदिशाओं में सौमनस, विद्युत्प्रभ, गंधमादन, माल्यवान नामक चार गजदंताकार पर्वत हैं। दो पर्वत सुमेरु से निकलकर निषध पर्वत तक लंबायमान स्थित हैं। और दो पर्वत सुमेरु से निकलकर नील पर्वत पर्यंत लंबायमान स्थित हैं। विशेष–देखें लोक - 3.11।
- गजदंत का नकशा–देखें लोक - 8।
पुराणकोष से
गजदंताकार चार पर्वत । सौमनस, विद्युत्प्रभ, गंधमादन और माल्यवान् ये चार पर्वत राजदंताकार हैं इसलिए गजदंत कहलाते हैं । महापुराण 5.180