पालक: Difference between revisions
From जैनकोष
Jagrti jain (talk | contribs) mNo edit summary |
(Imported from text file) |
||
(2 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
| | ||
== सिद्धांतकोष से == | == सिद्धांतकोष से == | ||
राजा अवंतिका पुत्र मालवा (मगध) का राजा था। अवंती व उज्जैनी इनकी राजधानी थी, बड़ा धर्मात्मा था। वीर निर्वाण के समय मगध पर इसी का राज्य था। मगध की राज्य वंशावली के अनुसार इसके पश्चात् नंद वंश का राज्य प्रारंभ हो गया। तदनुसार इनका समय - वी.नि.पू. 60-0, ई.पू. 586-526 आता है | राजा अवंतिका पुत्र मालवा (मगध) का राजा था। अवंती व उज्जैनी इनकी राजधानी थी, बड़ा धर्मात्मा था। वीर निर्वाण के समय मगध पर इसी का राज्य था। मगध की राज्य वंशावली के अनुसार इसके पश्चात् नंद वंश का राज्य प्रारंभ हो गया। तदनुसार इनका समय - वी.नि.पू. 60-0, ई.पू. 586-526 आता है <span class="GRef">( हरिवंशपुराण/60/488 )</span>; (विशेष देखें [[ इतिहास#3.4 | इतिहास - 3.4]])। | ||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 10: | Line 10: | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: प]] | [[Category: प]] | ||
[[Category: प्रथमानुयोग]] | |||
[[Category: इतिहास]] | |||
== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<div class="HindiText"> <p> मगध का एक राजा । इसने मगध पर साठ वर्ष तक शासन किया था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 60.487-488 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> मगध का एक राजा । इसने मगध पर साठ वर्ष तक शासन किया था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_60#487|हरिवंशपुराण - 60.487-488]] </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Line 25: | Line 26: | ||
[[Category: प]] | [[Category: प]] | ||
[[Category: इतिहास]] | [[Category: इतिहास]] | ||
[[Category: प्रथमानुयोग]] |
Latest revision as of 15:15, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
राजा अवंतिका पुत्र मालवा (मगध) का राजा था। अवंती व उज्जैनी इनकी राजधानी थी, बड़ा धर्मात्मा था। वीर निर्वाण के समय मगध पर इसी का राज्य था। मगध की राज्य वंशावली के अनुसार इसके पश्चात् नंद वंश का राज्य प्रारंभ हो गया। तदनुसार इनका समय - वी.नि.पू. 60-0, ई.पू. 586-526 आता है ( हरिवंशपुराण/60/488 ); (विशेष देखें इतिहास - 3.4)।
पुराणकोष से
मगध का एक राजा । इसने मगध पर साठ वर्ष तक शासन किया था । हरिवंशपुराण - 60.487-488