अनंतमति: Difference between revisions
From जैनकोष
Bhumi Doshi (talk | contribs) No edit summary |
(Imported from text file) |
||
(One intermediate revision by one other user not shown) | |||
Line 14: | Line 14: | ||
[[Category: करणानुयोग]] | [[Category: करणानुयोग]] | ||
== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<div class="HindiText"> <p> एक मुनि का नाम । प्रथम नरक से निकलने के बाद विजयार्ध पर्वत पर राजा श्रीधर्म और उनकी रानी श्रीदत्ता से उत्पन्न श्रीदाम नाम का विभीषण का जीव मुनि इनका ही शिष्य बनकर जहां स्वर्ग में देव हुआ था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 27.113-117 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> एक मुनि का नाम । प्रथम नरक से निकलने के बाद विजयार्ध पर्वत पर राजा श्रीधर्म और उनकी रानी श्रीदत्ता से उत्पन्न श्रीदाम नाम का विभीषण का जीव मुनि इनका ही शिष्य बनकर जहां स्वर्ग में देव हुआ था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_27#113|हरिवंशपुराण - 27.113-117]] </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Line 26: | Line 26: | ||
[[Category: अ]] | [[Category: अ]] | ||
[[Category: प्रथमानुयोग]] | [[Category: प्रथमानुयोग]] | ||
Latest revision as of 14:39, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
भगवान् धर्मनाथ का शासन देव - देखें यक्ष ।
पुराणकोष से
एक मुनि का नाम । प्रथम नरक से निकलने के बाद विजयार्ध पर्वत पर राजा श्रीधर्म और उनकी रानी श्रीदत्ता से उत्पन्न श्रीदाम नाम का विभीषण का जीव मुनि इनका ही शिष्य बनकर जहां स्वर्ग में देव हुआ था । हरिवंशपुराण - 27.113-117