यवमुरजक्षेत्र: Difference between revisions
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<p class="HindiText"> | <p class="HindiText"><span class="GRef">( जंबूद्वीपपण्णत्तिसंगहो/प्र. 31) </span> यह आकृति क्षेत्र के उदग्र समतल द्वारा प्राप्त छेद (Vertical section) है। इसका विस्तार 7 राजु यहाँ चित्रित नहीं है। यहाँ मुरज का क्षेत्रफल {([[File:1649316166JSKHtmlSample_clip_image002_0000.png ]]रा. + 1रा.)÷ 2{×14 रा.= {[[File:JSKHtmlSample_clip_image004_0001.png ]]×[[File:JSKHtmlSample_clip_image006_0000.png ]]14=[[File:JSKHtmlSample_clip_image008_0000.png ]]वर्गराजु इसलिए, मुरज का घनफल [[File:JSKHtmlSample_clip_image010_0000.png ]]घनराजु=220[[File:JSKHtmlSample_clip_image012.png ]] घनराजु। एक यवक क्षेत्रफल=([[File:JSKHtmlSample_clip_image012_0000.png ]] रा.÷2)×[[File:JSKHtmlSample_clip_image014.png ]] राजु=[[File:JSKHtmlSample_clip_image016.png ]] वर्गराजु, इसलिए, 25 यव का क्षेत्रफल=[[File:JSKHtmlSample_clip_image018.png ]]×[[File:JSKHtmlSample_clip_image020.png ]] घनराजु=122[[File:JSKHtmlSample_clip_image012_0001.png ]] घनराजु। </p> | ||
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Latest revision as of 15:20, 27 November 2023
( जंबूद्वीपपण्णत्तिसंगहो/प्र. 31) यह आकृति क्षेत्र के उदग्र समतल द्वारा प्राप्त छेद (Vertical section) है। इसका विस्तार 7 राजु यहाँ चित्रित नहीं है। यहाँ मुरज का क्षेत्रफल {(रा. + 1रा.)÷ 2{×14 रा.= {×14=वर्गराजु इसलिए, मुरज का घनफल घनराजु=220 घनराजु। एक यवक क्षेत्रफल=( रा.÷2)× राजु= वर्गराजु, इसलिए, 25 यव का क्षेत्रफल=× घनराजु=122 घनराजु।