अनंतश्री: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> पुष्कर द्वीप में भरतक्षेत्र के नंदनपुर नगर के राजा अमितविक्रम और उसकी रानी आनंदमती की पुत्री, धनश्री की बहिन । त्रिपुर नगर के स्वामी वज्रांगद ने इन दोनों बहिनों का अपहरण किया था किंतु अपनी पत्नी वज्रमालिनी से भयभीत होकर उसने इन्हें वंश वन में छोड़ दिया था । वन में दोनों बहिनों ने संन्यासमरण किया और सौधर्म स्वर्ग में नवमिका और रति नाम की देवियां हुईं । <span class="GRef"> महापुराण 63.12-19 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> पुष्कर द्वीप में भरतक्षेत्र के नंदनपुर नगर के राजा अमितविक्रम और उसकी रानी आनंदमती की पुत्री, धनश्री की बहिन । त्रिपुर नगर के स्वामी वज्रांगद ने इन दोनों बहिनों का अपहरण किया था किंतु अपनी पत्नी वज्रमालिनी से भयभीत होकर उसने इन्हें वंश वन में छोड़ दिया था । वन में दोनों बहिनों ने संन्यासमरण किया और सौधर्म स्वर्ग में नवमिका और रति नाम की देवियां हुईं । <span class="GRef"> महापुराण 63.12-19 </span></p> | ||
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Latest revision as of 14:39, 27 November 2023
पुष्कर द्वीप में भरतक्षेत्र के नंदनपुर नगर के राजा अमितविक्रम और उसकी रानी आनंदमती की पुत्री, धनश्री की बहिन । त्रिपुर नगर के स्वामी वज्रांगद ने इन दोनों बहिनों का अपहरण किया था किंतु अपनी पत्नी वज्रमालिनी से भयभीत होकर उसने इन्हें वंश वन में छोड़ दिया था । वन में दोनों बहिनों ने संन्यासमरण किया और सौधर्म स्वर्ग में नवमिका और रति नाम की देवियां हुईं । महापुराण 63.12-19