भोगपुर: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p id="1"> (1) विजयार्ध पर्वत की उत्तरश्रेणी के गौरी देश का एक नगर । विद्याधर वायुरथ यहाँ का स्वामी था । <span class="GRef"> महापुराण 46.147 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) विजयार्ध पर्वत की उत्तरश्रेणी के गौरी देश का एक नगर । विद्याधर वायुरथ यहाँ का स्वामी था । <span class="GRef"> महापुराण 46.147 </span></p> | ||
<p id="2">(2) भरतक्षेत्र के हरिवर्ष देश का नगर । सुमुख का जीव यहाँ के राजा प्रभंजन का सिंहकेतु नामक पुत्र हुआ था । इसका अपर नाम भोगिपुर था । <span class="GRef"> महापुराण 70.74-75, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 7.118-119 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) भरतक्षेत्र के हरिवर्ष देश का नगर । सुमुख का जीव यहाँ के राजा प्रभंजन का सिंहकेतु नामक पुत्र हुआ था । इसका अपर नाम भोगिपुर था । <span class="GRef"> महापुराण 70.74-75, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 7.118-119 </span></p> | ||
<p id="3">(3) भरतक्षेत्र का एक नगर । चक्रवर्ती हरिषेण की यह जन्मभूमि है । <span class="GRef"> महापुराण 67.63 </span></p> | <p id="3" class="HindiText">(3) भरतक्षेत्र का एक नगर । चक्रवर्ती हरिषेण की यह जन्मभूमि है । <span class="GRef"> महापुराण 67.63 </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:16, 27 November 2023
(1) विजयार्ध पर्वत की उत्तरश्रेणी के गौरी देश का एक नगर । विद्याधर वायुरथ यहाँ का स्वामी था । महापुराण 46.147
(2) भरतक्षेत्र के हरिवर्ष देश का नगर । सुमुख का जीव यहाँ के राजा प्रभंजन का सिंहकेतु नामक पुत्र हुआ था । इसका अपर नाम भोगिपुर था । महापुराण 70.74-75, पांडवपुराण 7.118-119
(3) भरतक्षेत्र का एक नगर । चक्रवर्ती हरिषेण की यह जन्मभूमि है । महापुराण 67.63