मंडव: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> एक तापस । अयोध्या के राजा मधु का सामंत वीरसेन अपनी प्रिया के हरी जाने पर इसका शिष्य हो गया था और इसके पास पंचाग्नितप करने लगा था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 109.135, 147-148 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> एक तापस । अयोध्या के राजा मधु का सामंत वीरसेन अपनी प्रिया के हरी जाने पर इसका शिष्य हो गया था और इसके पास पंचाग्नितप करने लगा था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_109#135|पद्मपुराण - 109.135]], 147-148 </span></p> | ||
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एक तापस । अयोध्या के राजा मधु का सामंत वीरसेन अपनी प्रिया के हरी जाने पर इसका शिष्य हो गया था और इसके पास पंचाग्नितप करने लगा था । पद्मपुराण - 109.135, 147-148