बालिखिल्य: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> सिंहोदर राजा के अधीन कूबर नगर का एक नृप । यह कौशांबी नगरी के राजा विश्वानल और उसकी रानी प्रतिसंध्या के पुत्र रौद्रभूति म्लेच्छराज द्वारा युद्ध में पकड़कर कैद कर लिया गया था । इसकी स्त्री पृथिवी इस समय गर्भवती थी । इस समय यह घोषणा की गयी थी कि यदि बालिखिल्य के पुत्र हो तो वह राज्य करे । वसुबुद्धि मंत्री ने राज्य-लोभवश पुत्र होने की खबर राजा को प्रेषित की । निश्चयानुसार कल्याणमाला को राज्य मिला । पुरुष वेष में वह राज्य करती रही । राम और लक्ष्मण से इस कन्या ने अपना गुप्त रहस्य प्रकट किया । राम ने बालिखिल्य को बंधनों से मुक्त कराकर उसे उसका राज्य दिलवा दिया । इससे प्रसन्न होकर इसने अपनी पुत्री कल्याणमाला का विवाह लक्ष्मण से कर दिया । <span class="GRef"> पद्मपुराण 33. 232, 34.39-51, 76-17, 82.14 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> सिंहोदर राजा के अधीन कूबर नगर का एक नृप । यह कौशांबी नगरी के राजा विश्वानल और उसकी रानी प्रतिसंध्या के पुत्र रौद्रभूति म्लेच्छराज द्वारा युद्ध में पकड़कर कैद कर लिया गया था । इसकी स्त्री पृथिवी इस समय गर्भवती थी । इस समय यह घोषणा की गयी थी कि यदि बालिखिल्य के पुत्र हो तो वह राज्य करे । वसुबुद्धि मंत्री ने राज्य-लोभवश पुत्र होने की खबर राजा को प्रेषित की । निश्चयानुसार कल्याणमाला को राज्य मिला । पुरुष वेष में वह राज्य करती रही । राम और लक्ष्मण से इस कन्या ने अपना गुप्त रहस्य प्रकट किया । राम ने बालिखिल्य को बंधनों से मुक्त कराकर उसे उसका राज्य दिलवा दिया । इससे प्रसन्न होकर इसने अपनी पुत्री कल्याणमाला का विवाह लक्ष्मण से कर दिया । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_33#232|पद्मपुराण - 33.232]], 34.39-51, 76-17, 82.14 </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:15, 27 November 2023
सिंहोदर राजा के अधीन कूबर नगर का एक नृप । यह कौशांबी नगरी के राजा विश्वानल और उसकी रानी प्रतिसंध्या के पुत्र रौद्रभूति म्लेच्छराज द्वारा युद्ध में पकड़कर कैद कर लिया गया था । इसकी स्त्री पृथिवी इस समय गर्भवती थी । इस समय यह घोषणा की गयी थी कि यदि बालिखिल्य के पुत्र हो तो वह राज्य करे । वसुबुद्धि मंत्री ने राज्य-लोभवश पुत्र होने की खबर राजा को प्रेषित की । निश्चयानुसार कल्याणमाला को राज्य मिला । पुरुष वेष में वह राज्य करती रही । राम और लक्ष्मण से इस कन्या ने अपना गुप्त रहस्य प्रकट किया । राम ने बालिखिल्य को बंधनों से मुक्त कराकर उसे उसका राज्य दिलवा दिया । इससे प्रसन्न होकर इसने अपनी पुत्री कल्याणमाला का विवाह लक्ष्मण से कर दिया । पद्मपुराण - 33.232, 34.39-51, 76-17, 82.14