निश्चयसम्यग्ज्ञान: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> स्वसंवेदन ज्ञान के द्वारा अपने ही आत्मा का परमात्मा रूप से परिज्ञान । <span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 18.28 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> स्वसंवेदन ज्ञान के द्वारा अपने ही आत्मा का परमात्मा रूप से परिज्ञान । <span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 18.28 </span></p> | ||
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स्वसंवेदन ज्ञान के द्वारा अपने ही आत्मा का परमात्मा रूप से परिज्ञान । वीरवर्द्धमान चरित्र 18.28