देवेंद्र कीर्ति: Difference between revisions
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<li> नंदिसंघ सूरत शाखा के आद्य भट्टारक। समय–वि.1450-1499 (ई.1393-1442)। देखें [[ इतिहास#7.4 | इतिहास - 7.4]]। </li> | <li> नंदिसंघ सूरत शाखा के आद्य भट्टारक। समय–वि.1450-1499 (ई.1393-1442)। देखें [[ इतिहास#7.4 | इतिहास - 7.4]]। </li> | ||
<li> कथाकोष आदि के रचयिता सांगानेर के भट्टारक। समय–वि.1640-1662। (भद्रबाहु चरित्र/ | <li> कथाकोष आदि के रचयिता सांगानेर के भट्टारक। समय–वि.1640-1662। <span class="GRef">(भद्रबाहु चरित्र/प्रस्तावना 4/उदयलाल)</span>। </li> | ||
<li> कल्याण मंदिर तथा विषापहार पूजा के रचयिता कारंजाशाखा के भट्टारक। समय–वि.1778-1786। ( | <li> कल्याण मंदिर तथा विषापहार पूजा के रचयिता कारंजाशाखा के भट्टारक। समय–वि.1778-1786। <span class="GRef">(तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा/3/448)</span>। </li> | ||
<li> कालिका पुराण के रचयिता मराठी कवि जो संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश तथा गुजराती भाषा में भी दक्ष थे। ( | <li> कालिका पुराण के रचयिता मराठी कवि जो संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश तथा गुजराती भाषा में भी दक्ष थे। <span class="GRef">(तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा/4/321)</span>। </li> | ||
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Latest revision as of 22:21, 17 November 2023
- नंदिसंघ सूरत शाखा के आद्य भट्टारक। समय–वि.1450-1499 (ई.1393-1442)। देखें इतिहास - 7.4।
- कथाकोष आदि के रचयिता सांगानेर के भट्टारक। समय–वि.1640-1662। (भद्रबाहु चरित्र/प्रस्तावना 4/उदयलाल)।
- कल्याण मंदिर तथा विषापहार पूजा के रचयिता कारंजाशाखा के भट्टारक। समय–वि.1778-1786। (तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा/3/448)।
- कालिका पुराण के रचयिता मराठी कवि जो संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश तथा गुजराती भाषा में भी दक्ष थे। (तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा/4/321)।