हिम: Difference between revisions
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<ol class="HindiText"><li>सुमेरू पर्वत के वनों में चतुर्थ कूट का नाम हिमवान कूट और उसके देव का नाम मेघमालिनी है। - देखें [[ द्वीप_पर्वतों_आदि_के_नाम_रस_आदि#5.5 | लोक - 5.5]]।</li><li>षष्ठम् नरक के तीन इंद्रक बिलों में प्रथम इंद्रक | <ol class="HindiText"><li>सुमेरू पर्वत के वनों में चतुर्थ कूट का नाम हिमवान कूट और उसके देव का नाम मेघमालिनी है। - विशेष जानकारी के लिए देखें [[ द्वीप_पर्वतों_आदि_के_नाम_रस_आदि#5.5 | लोक - 5.5]]।</li><li>षष्ठम् नरक के तीन इंद्रक बिलों में प्रथम इंद्रक बिल। - विशेष जानकारी के लिए देखें [[ नरक#5.11 | नरक - 5.11]]।</li></ol> | ||
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== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<div class="HindiText"> <p> छठी पृथिवी के तीन इंद्रक बिलों में प्रथम इंद्रक बिल । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 4. 84 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> छठी पृथिवी के तीन इंद्रक बिलों में प्रथम इंद्रक बिल । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_4#84|हरिवंशपुराण - 4.84]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:31, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
- सुमेरू पर्वत के वनों में चतुर्थ कूट का नाम हिमवान कूट और उसके देव का नाम मेघमालिनी है। - विशेष जानकारी के लिए देखें लोक - 5.5।
- षष्ठम् नरक के तीन इंद्रक बिलों में प्रथम इंद्रक बिल। - विशेष जानकारी के लिए देखें नरक - 5.11।
पुराणकोष से
छठी पृथिवी के तीन इंद्रक बिलों में प्रथम इंद्रक बिल । हरिवंशपुराण - 4.84