संयोग द्रव्य: Difference between revisions
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<span class="GRef"> धवला 1/1,1,1/17/6 </span><span class="PrakritText">तत्थ संजोयदव्वं णाम पुध पुध पसिद्धाणं दव्वाणं संजोगेण णिप्पण्णं। समवायदव्वं णाम जं दव्वम्मि समवेदं। ...संजोगदव्वणिमित्तं णाम दंडी छत्ती मोली इच्चेवमादि। समवायणिमित्तं णाम, गलगंडी काणो कुंडो इच्चेवमाइ।</span> =<span class="HindiText">अलग-अलग सत्ता रखने वाले द्रव्यों के मेल से जो पैदा हो उसे '''संयोग द्रव्य''' कहते हैं। जो द्रव्य में समवेत हो अर्थात् कथंचित् तादात्म्य रखता हो उसे समवायद्रव्य कहते हैं। दंडी, छत्री, मौली इत्यादि संयोगद्रव्य निमित्तक नाम हैं; क्योंकि दंडा, छत्री, मुकुट इत्यादि स्वतंत्र सत्ता वाले पदार्थ हैं और उनके संयोग से दंडी, छत्री, मौली इत्यादि नाम व्यवहार में आते हैं। गलगंड, काना, कुबड़ा इत्यादि समवाय द्रव्यनिमित्तक नाम हैं, क्योंकि जिसके लिए गलगंड इस नाम का उपयोग किया गया है उससे गले का गंड उससे भिन्न सत्तावाला नहीं है। इसी प्रकार काना, कुबड़ा आदि नाम समझ लेना चाहिए। </span><br /> | |||
<span class="HindiText"> अधिक जानकारी के लिये देखें [[ द्रव्य#1.9 | द्रव्य - 1.9]]। </span> | |||
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Latest revision as of 13:51, 17 February 2024
धवला 1/1,1,1/17/6 तत्थ संजोयदव्वं णाम पुध पुध पसिद्धाणं दव्वाणं संजोगेण णिप्पण्णं। समवायदव्वं णाम जं दव्वम्मि समवेदं। ...संजोगदव्वणिमित्तं णाम दंडी छत्ती मोली इच्चेवमादि। समवायणिमित्तं णाम, गलगंडी काणो कुंडो इच्चेवमाइ। =अलग-अलग सत्ता रखने वाले द्रव्यों के मेल से जो पैदा हो उसे संयोग द्रव्य कहते हैं। जो द्रव्य में समवेत हो अर्थात् कथंचित् तादात्म्य रखता हो उसे समवायद्रव्य कहते हैं। दंडी, छत्री, मौली इत्यादि संयोगद्रव्य निमित्तक नाम हैं; क्योंकि दंडा, छत्री, मुकुट इत्यादि स्वतंत्र सत्ता वाले पदार्थ हैं और उनके संयोग से दंडी, छत्री, मौली इत्यादि नाम व्यवहार में आते हैं। गलगंड, काना, कुबड़ा इत्यादि समवाय द्रव्यनिमित्तक नाम हैं, क्योंकि जिसके लिए गलगंड इस नाम का उपयोग किया गया है उससे गले का गंड उससे भिन्न सत्तावाला नहीं है। इसी प्रकार काना, कुबड़ा आदि नाम समझ लेना चाहिए।
अधिक जानकारी के लिये देखें द्रव्य - 1.9।