कर्त्रन्वय क्रिया: Difference between revisions
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<p><span class="SanskritText"><span class="GRef"> महापुराण/38/51-68 </span>गर्भान्वयक्रियाश्चैव तथा दीक्षान्वपक्रिया:। कर्त्रन्वयक्रियाश्चेति तास्त्रिधैवं बुधैर्मता:।51। आधानाद्यास्त्रिपंचाशत् ज्ञेया गर्भान्वयक्रिया:। चत्वारिंशदथाष्टौ च स्मृता दीक्षान्वयक्रिया।52। कर्त्रन्वयक्रियाश्चैव सप्त तज्ज्ञै: समुच्चिता:। तासां यथाक्रमं नामनिर्देशोऽयमनूद्यते।53। अंगानां सप्तमादंगाद् दुस्तरादर्णवादपि। श्लोकैरष्टभिरुन्नेष्ये प्राप्तं ज्ञानलवं मया।54।</span> | |||
<span class="HindiText">(नोट - आगे केवल भाषार्थ)। = गर्भान्वय क्रिया, दीक्षान्वय क्रिया और कर्त्रन्वय क्रिया इस प्रकार विद्वान् लोगों ने तीन प्रकार की क्रियाएँ मानी हैं।51। गर्भान्वय क्रिया आधानादि तिरपन (53) जाननी चाहिए। और दीक्षान्वय क्रियाएँ अड़तालीस (48) समझना चाहिए।52। इसके अतिरिक्त इस विषय के जानकार लोगों ने कर्त्रन्वय क्रियाएँ सात (7) संग्रह की हैं। अब आगे यथाक्रम से उनका नाम निर्देश किया जाता है।53। ....</span> | |||
<span class="HindiText"><strong>3. कर्त्रन्वय की 7 क्रियाएँ</strong> - कर्त्रन्वय क्रियाएँ वे हैं जो कि पुण्य करने वाले लोगों को प्राप्त हो सकती हैं, और जो समीचीन मार्ग की आराधना करने के फलस्वरूप प्रवृत्त होती हैं।66। 1. सज्जाति, 2. सद्गृहित्व, 3. पारिव्रज्य, 4. सुरेंद्रता, 5. साम्राज्य, 6. परमार्हंत्य, 7. परमनिर्वाण। ....</span></p> | |||
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<span class="HindiText">देखें [[ संस्कार#2 | संस्कार - 2]]।</span> | |||
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Latest revision as of 14:48, 12 February 2023
महापुराण/38/51-68 गर्भान्वयक्रियाश्चैव तथा दीक्षान्वपक्रिया:। कर्त्रन्वयक्रियाश्चेति तास्त्रिधैवं बुधैर्मता:।51। आधानाद्यास्त्रिपंचाशत् ज्ञेया गर्भान्वयक्रिया:। चत्वारिंशदथाष्टौ च स्मृता दीक्षान्वयक्रिया।52। कर्त्रन्वयक्रियाश्चैव सप्त तज्ज्ञै: समुच्चिता:। तासां यथाक्रमं नामनिर्देशोऽयमनूद्यते।53। अंगानां सप्तमादंगाद् दुस्तरादर्णवादपि। श्लोकैरष्टभिरुन्नेष्ये प्राप्तं ज्ञानलवं मया।54। (नोट - आगे केवल भाषार्थ)। = गर्भान्वय क्रिया, दीक्षान्वय क्रिया और कर्त्रन्वय क्रिया इस प्रकार विद्वान् लोगों ने तीन प्रकार की क्रियाएँ मानी हैं।51। गर्भान्वय क्रिया आधानादि तिरपन (53) जाननी चाहिए। और दीक्षान्वय क्रियाएँ अड़तालीस (48) समझना चाहिए।52। इसके अतिरिक्त इस विषय के जानकार लोगों ने कर्त्रन्वय क्रियाएँ सात (7) संग्रह की हैं। अब आगे यथाक्रम से उनका नाम निर्देश किया जाता है।53। .... 3. कर्त्रन्वय की 7 क्रियाएँ - कर्त्रन्वय क्रियाएँ वे हैं जो कि पुण्य करने वाले लोगों को प्राप्त हो सकती हैं, और जो समीचीन मार्ग की आराधना करने के फलस्वरूप प्रवृत्त होती हैं।66। 1. सज्जाति, 2. सद्गृहित्व, 3. पारिव्रज्य, 4. सुरेंद्रता, 5. साम्राज्य, 6. परमार्हंत्य, 7. परमनिर्वाण। ....
देखें संस्कार - 2।