स्थूणा: Difference between revisions
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<span class="HindiText">3 स्थूणा हैं, 107 मर्मस्थान हैं, 9 व्रणमुख हैं, जिससे नित्य दुर्गंध स्रवता है ।1032।</span><br> | |||
<p class="HindiText">-अधिक जानकारी के लिए देखें [[ औदारिक#1.7 | औदारिक - 1.7]]।</p> | |||
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Latest revision as of 17:22, 27 February 2024
भगवती आराधना / मूल या टीका गाथा 1027-1035/1072-1076
3 स्थूणा हैं, 107 मर्मस्थान हैं, 9 व्रणमुख हैं, जिससे नित्य दुर्गंध स्रवता है ।1032।
-अधिक जानकारी के लिए देखें औदारिक - 1.7।