अक्षय: Difference between revisions
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<p class="HindiText" id="1">(1) समवसरण के उत्तरीय गोपुर के आठ नामों में सातवाँ नाम । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 57.60 </span>देखें [[ आस्थानमंडल ]]</p> | <p class="HindiText" id="1">(1) समवसरण के उत्तरीय गोपुर के आठ नामों में सातवाँ नाम । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_57#60|हरिवंशपुराण - 57.60]] </span>देखें [[ आस्थानमंडल ]]</p> | ||
<p class="HindiText" id="2">(2) कौरव वंश का एक कुमार जिसने जरासंध-कृष्ण युद्ध में अभिमन्यु को दस बाणों से विद्ध किया था । <span class="GRef"> पांडवपुराण 20.20 </span></p> | <p class="HindiText" id="2">(2) कौरव वंश का एक कुमार जिसने जरासंध-कृष्ण युद्ध में अभिमन्यु को दस बाणों से विद्ध किया था । <span class="GRef"> पांडवपुराण 20.20 </span></p> | ||
<p class="HindiText" id="3">(3) जिनेंद्र का एक गुण । इसकी प्राप्ति के लिए ‘अक्षयाय नम:’ यह पीठिका-मंत्र बोला जाता है । <span class="GRef"> महापुराण 40.13 </span></p> | <p class="HindiText" id="3">(3) जिनेंद्र का एक गुण । इसकी प्राप्ति के लिए ‘अक्षयाय नम:’ यह पीठिका-मंत्र बोला जाता है । <span class="GRef"> महापुराण 40.13 </span></p> |
Latest revision as of 14:39, 27 November 2023
(1) समवसरण के उत्तरीय गोपुर के आठ नामों में सातवाँ नाम । हरिवंशपुराण - 57.60 देखें आस्थानमंडल
(2) कौरव वंश का एक कुमार जिसने जरासंध-कृष्ण युद्ध में अभिमन्यु को दस बाणों से विद्ध किया था । पांडवपुराण 20.20
(3) जिनेंद्र का एक गुण । इसकी प्राप्ति के लिए ‘अक्षयाय नम:’ यह पीठिका-मंत्र बोला जाता है । महापुराण 40.13
(4) सौधर्मेंद्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । महापुराण 25.114