राजाख्यान: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> जिनागम में कहे गये चार आख्यानों में (लोकाख्यान, देशाख्यान, पुराख्यान और राजाख्यान) चौथा आख्यान । इसमें राजा के अधीन देश और नगर आदि का तथा उसके प्रभाव क्षेत्र का वर्णन किया जाता है । <span class="GRef"> महापुराण 4.4-7 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> जिनागम में कहे गये चार आख्यानों में (लोकाख्यान, देशाख्यान, पुराख्यान और राजाख्यान) चौथा आख्यान । इसमें राजा के अधीन देश और नगर आदि का तथा उसके प्रभाव क्षेत्र का वर्णन किया जाता है । <span class="GRef"> महापुराण 4.4-7 </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:21, 27 November 2023
जिनागम में कहे गये चार आख्यानों में (लोकाख्यान, देशाख्यान, पुराख्यान और राजाख्यान) चौथा आख्यान । इसमें राजा के अधीन देश और नगर आदि का तथा उसके प्रभाव क्षेत्र का वर्णन किया जाता है । महापुराण 4.4-7