कुश्रुत: Difference between revisions
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<span class="GRef">पंचास्तिकाय / तत्त्वप्रदीपिका/41</span><p class="SanskritText">यत्तदावरणक्षयोपशमादनिंद्रियावलंबाच्च मूर्तामूर्तद्रव्यं विकलं विशेषेणावबुध्यते तत् श्रुतज्ञानम् ।...मिथ्यादर्शनोदयसहचरितं श्रुतज्ञानमेव कुश्रुतज्ञानम् । </p> <p class="HindiText">=उस प्रकार के (अर्थात् श्रुतज्ञान के) आवरण के क्षयोपशम से और मन के अवलंबन से मूर्त-अमूर्त द्रव्य का विकल्प रूप से विशेषत: अवबोधन करता है वह श्रुतज्ञान है।...मिथ्यादर्शन के उदय के साथ श्रुतज्ञान ही '''कुश्रुतज्ञान''' है। </p> | |||
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Latest revision as of 14:40, 24 March 2023
पंचास्तिकाय / तत्त्वप्रदीपिका/41
यत्तदावरणक्षयोपशमादनिंद्रियावलंबाच्च मूर्तामूर्तद्रव्यं विकलं विशेषेणावबुध्यते तत् श्रुतज्ञानम् ।...मिथ्यादर्शनोदयसहचरितं श्रुतज्ञानमेव कुश्रुतज्ञानम् ।
=उस प्रकार के (अर्थात् श्रुतज्ञान के) आवरण के क्षयोपशम से और मन के अवलंबन से मूर्त-अमूर्त द्रव्य का विकल्प रूप से विशेषत: अवबोधन करता है वह श्रुतज्ञान है।...मिथ्यादर्शन के उदय के साथ श्रुतज्ञान ही कुश्रुतज्ञान है।
देखें श्रुतज्ञान ।