मुष्टि विधान व्रत: Difference between revisions
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<p>प्रतिवर्ष भादौ, माघ व चैत्र मास में अर्थात् तीनों दशलक्षण पर्वों में | <p class="HindiText">प्रतिवर्ष भादौ, माघ व चैत्र मास में अर्थात् तीनों दशलक्षण पर्वों में कृष्णा 1. से शुक्ल पक्ष की 15 तक पूरे-पूरे महीने प्रतिदिन 1 मुष्टि प्रमाण शुभ द्रव्य भगवान् के चरणों में चढ़ाकर अभिषेक व चतुर्विंशति जिन पूजन करें। ‘ओं ह्रीं वृषभादिवीरांतेभ्यो नम: इस मंत्र का त्रिकाल जाप्य करें।</p> | ||
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Latest revision as of 11:20, 21 January 2023
प्रतिवर्ष भादौ, माघ व चैत्र मास में अर्थात् तीनों दशलक्षण पर्वों में कृष्णा 1. से शुक्ल पक्ष की 15 तक पूरे-पूरे महीने प्रतिदिन 1 मुष्टि प्रमाण शुभ द्रव्य भगवान् के चरणों में चढ़ाकर अभिषेक व चतुर्विंशति जिन पूजन करें। ‘ओं ह्रीं वृषभादिवीरांतेभ्यो नम: इस मंत्र का त्रिकाल जाप्य करें।