Test 5b: Difference between revisions
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|+ उत्तर प्रकृति उदीरणा की ओघ प्ररूपणा | |||
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! गुणस्थान !! कुल उदीरणा योग्य !! !! प्रकृत गुण स्थानकी अवस्थामें कभी भी !! !! प्रकृत गुण स्थानमें अन्यतम प्रकृति की !! !! मरण कालसे 1 आवली पूर्व | |||
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! -!! !! कुल प्रकृति !! विशेष !!कुल प्रकृति!! विशेष !! कुल प्रकृति !! विशेष | |||
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| 1|| 18|| 9|| 1-4 इंद्रिय जातिआतप. स्थावर, सूक्ष्म, अपर्याप्त साधारण|| 9 || अनंतानुबंधी चतुष्क, चारों आनुपूर्वी. मनु-मनुष्यायु|| 1|| मनुष्यायु | |||
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| 2|| 9|| -|| -|| 9|| अनंतानुबंधी चतुष्क, चारों. आनुपूर्वी, मनु. मनुष्यायु|| -|| - | |||
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| 3|| 1|| 1|| सम्यग्मिथ्यात्व|| -|| -|| -|| - | |||
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| 4 || 18|| 8|| अप्रत्याख्यानावरण 4, नरक व देवगति वैक्रियक शरीर व अंगोपांग|| 5|| दुर्भग, अनादेय, अयश, सम्यक प्रकृति, मनुष्यायु|| 7|| चारों आनुपूर्वी, मनुष्य व नरक आयु | |||
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| 5|| 11 || 8 || प्रत्याख्यानावरण 4, तिर्यंचगति, उद्योत नीचगोत्र || 2 || सम्यक प्रकृति मनुष्यायु|| 2 || मनुष्य व तिर्यंच आयु | |||
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| 6|| 9 || 5 || निद्रा निद्रा, प्रचला, प्रचला, स्त्यानगृद्धि साता असाता || 4 || सम्यक् प्रकृति, मनुष्यायु, आहारक शरीर व अंगोपांग|| 3|| मनुष्यायु, आहारक शरीर व अंगोपांग | |||
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| 7 || 4 || 3 || नीचेवाली तीनों संहनन || 1|| सम्यक्प्रकृति || - || - | |||
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| 8 || 6 || 6 || हास्य, रति, अरति, शोक भय, जुगुप्सा|| - || - || - || - | |||
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| 9 || 6 || 6 || तीनों वेद, संज्वलन क्रोध, मान, माया|| - || - || - || - | |||
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| 10 || 1 || 1 || संज्वलन लोभ|| -|| -|| -|| - | |||
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| 11 || 2 || 2 || वज्र नाराच, नाराच संहनन || -|| -|| -|| - | |||
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| 12i || 2 || - || X || - || - || 2 || निद्रा, प्रचला | |||
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| 12/ii || 14 || - || - || - || - || 14 || 5 ज्ञानावरण, 4 दर्शनावरण, 5 अंतराय | |||
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| 13 || 38 || 38 || मनुष्यगति, पंचेंद्रिय जाति, औदारिक शरीर व अंगोपांग तैजस, व कार्मण शरीर, छहों संस्थान, वज्रऋषभ नाराच, संहनन, वर्ण, गंध, रस, स्पर्श, अगुरुलघु, उपघात, उच्छ्वास, प्रशस्ताप्रशस्तविहायोगति, त्रस, बादर, पर्याप्त, प्रत्येक, स्थिर, अस्थिर, शुभ, अशुभ, सुभग, सुस्वर, दुःस्वर, आदेय, यश, निर्माण, उच्चगोत्र, तीर्थंकर || - || - || - || - | |||
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| 14 || X|| X|| X|| X|| X|| X|| X | |||
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|+ ओघ प्ररूपणा | |||
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! नाम प्रकृति !! गुणस्थान !! !! एक जीवापेक्षया काल !! एक जीवापेक्षया अंतर !! !! नाना जीवापेक्षया अल्प बहुत्व !! | |||
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! !! !! जघन्य !! उत्कृष्ट !! जघन्य !! उत्कृष्ट !! अल्प बहुत्व !! विशेष का प्रमाण | |||
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| आयु-(केवल आवली काल अवशेष रहते)|| 1 || 1 या 2 समय|| 1 आवली कम 33 सागर|| 1 आवली|| अंतर्मुहूर्त || सर्वतः स्तोक|| - | |||
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| स्व स्थिति के अंत तक|| 2-6 || 1 या 2 समय|| 1 आवली कम 33 सागर|| 1 आवली|| अंतर्मुहूर्त || सर्वतः स्तोक|| - | |||
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| वेदनीय || 1-6|| अंतर्मुहूर्त || अर्ध पुद्गल परिवर्तन|| 1 समय|| अंतर्मुहूर्त || विशेषाधिक || अंतिम आवलीमें संचित अनंत | |||
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| मोहनीय|| 1-10 || अंतर्मुहूर्त || अर्ध पुद्गल परिवर्तन|| 1 समय|| अंतर्मुहूर्त || विशेषाधिक|| 7-10 गुणस्थान वाले जीव | |||
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| ज्ञानावरणी || 1-12 || अनादि सांत|| अनादि सांत || निरंतर || निरंतर || विशेषाधिक || 1-12 गुणस्थान वाले जीव | |||
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| दर्शनावरणी ||1-12 || अनादि सांत|| अनादि सांत || निरंतर || निरंतर || विशेषाधिक || 1-12 गुणस्थान वाले जीव | |||
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| अंतराय || 1-12 || अनादि सांत|| अनादि सांत || निरंतर || निरंतर || विशेषाधिक || 1-12 गुणस्थान वाले जीव | |||
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| नाम || 1-13 || अनादि सांत|| अनादि सांत || निरंतर || निरंतर || विशेषाधिक || सयोगी केवली प्रमाण | |||
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| गोत्र || 1-13 || अनादि सांत|| अनादि सांत || निरंतर || निरंतर || विशेषाधिक || सयोगी केवली प्रमाण | |||
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|+ मूल प्रकृति उदीरणा स्थान ओघ प्ररूपणा | |||
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! भंग सं. !! स्थान का विवरण !! गुणस्थान !! गुण स्थानके अंत तक या कुछ काल शेष रहते !! एक जीवापेक्षया काल !! !! एक जीवापेक्षया अंतर !! - | |||
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! !! !! !! !! जघन्य!! उत्कृष्ट !! जघन्य !! उत्कृष्ट | |||
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| 1 ||आठों कर्म|| न || अंत तक || 1,2 समय || 33 सागर-1 आवली|| 1 आवली || अंतर्मुहूर्त | |||
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| 2|| आयु बिना 7 कर्म || 1,2,4,5,6 || अंतर्मुहूर्त शेष रहने पर|| 1,2 समय|| 1 आवली|| क्षुद्र भव-1 आवली|| 33 सागर-1 आवली | |||
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| -|| - || 3|| -|| यह गुण स्थान नहीं होता || -|| -|| - | |||
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| 3|| आयु व वेदनीय बिना 6|| 7-10 || अंत तक || 1,2 समय || अंतर्मुहूर्त || अंतर्मुहूर्त || अर्ध पुद्गल परिवर्तन | |||
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| 4|| आयु वेदनीय व मोह के बिना-5 कर्म|| 10|| आवली शेष रहने पर|| 1,2 समय || अंतर्मुहूर्त || अंतर्मुहूर्त || अर्ध पुद्गल परिवर्तन | |||
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| -|| आयु वेदनीय व मोह के बिना-5 कर्म|| 11-12|| अंत तक || 1,2 समय || अंतर्मुहूर्त || अंतर्मुहूर्त || अर्ध पुद्गल परिवर्तन | |||
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| 5|| नाम व गोत्र=2 कर्म|| 12 || आवली शेष रहने पर|| अंतर्मुहूर्त || कुछ कम 1 पूर्व कोडि || निरंतर || निरंतर | |||
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| -|| नाम व गोत्र=2 कर्म|| 13 || अंत तक|| अंतर्मुहूर्त || कुछ कम 1 पूर्व कोडि || निरंतर || निरंतर | |||
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| -|| -|| 14|| अंत तक|| -|| -|| -|| - | |||
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|+ Caption text | |||
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! भंग सं. !! स्थान का विवरण !! गुणस्थान !! गुण स्थानके अंत तक या कुछ काल शेष रहते !! नाना जीवापेक्षया काल !! !! नाना जीवापेक्षया अंतर !! !! अल्प बहुत्व | |||
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! - !! - !! - !! - !! जघन्य !! उत्कृष्ट !! जघन्य !! उत्कृष्ट !! - | |||
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| 1|| आयु, मोह, वेदनीयके बिना 5 कर्म || 11-12 || -|| 1 समय|| अंतर्मुहूर्त || 1 समय || 6 मास ||सर्वतःस्तोक | |||
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| 2|| नाम गोत्र 2 कर्म|| 13|| -|| सर्वदा|| सर्वदा|| निरंतर || निरंतर || संख्यात गुणे | |||
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| 3|| आयु वेदनीय बिना 6 कर्म|| 7 || -|| सर्वदा|| सर्वदा|| निरंतर || निरंतर || संख्यात गुणे | |||
|- | |||
| 4 || आयु बिना 7 कर्म || 1-6 || - || सर्वदा|| सर्वदा|| निरंतर || निरंतर || अनंत गुणे | |||
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| 5|| सर्व ही 8 कर्म|| 1-6 || - || सर्वदा|| सर्वदा|| निरंतर || निरंतर || संख्यात गुणे | |||
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Latest revision as of 17:08, 22 January 2023
अपवाद संख्या | अपवाद गत 41 प्रकृतियाँ |
---|---|
1 | साता, असाता व मनुष्यायु इन तीनोंकी उदय व्युच्छित्ति 14 वें गुणस्थानमें होती है पर उदीरणा व्युच्छित्ति 6 ठे में। |
2 | मनुष्यगति, पंचेंद्रिय जाति, सुभग, त्रस, बादर, पर्याप्त, आदेय, यश, तीर्थंकर, उच्चगोत्र इन 10 प्रकृतियोंकी उदय व्युच्छित्ति 14 वें में होती है पर उदीरणा व्युच्छित्ति 13 वें में। |
3 | ज्ञानावरण 5, दर्शनावरण 4, अंतराय 5, इन 14 की उदय व्युच्छित्ति 12 वें में एक आवली काल पश्चात् होती है और उदीरणा व्युच्छित्ति तहाँ ही एक आवली पहले होती है। |
4 | चारों आयुका उदय भवके अंतिम समय तक रहता है परंतु उदीरणाकी व्युच्छित्ति एक आवली काल पहले होती है। |
5 | पाँचों निद्राओं का शरीर पर्याप्त पूर्ण होनेके पश्चात् इंद्रिय पर्याप्ति पूर्ण होने तक उदय होता है उदीरणा नहीं। |
6 | अंतरकरण करनेके पश्चात् प्रथम स्थितिमें एक आवली शेष रहनेपर-उपशम सम्यक्त्व सन्मुखके मिथ्यात्वका; क्षायिक सन्मुखके सम्यक् प्रकृतिका; और उपशम श्रेणी आरूढ़के यथायोग्य तीनों वेदोंका (जो जिस वेदके उदयसे श्रेणी चढ़ा है उसके उस वेदका) इन सात प्रकृतियोंका उदय होता है उदीरणा नहीं। |
7 | जिन प्रकृतियोंका उदय 14 वें गुणस्थान तक होता है उनकी उदीरणा 13 वें तक होती है (देखो ऊपर नं. 2)
ये सात अपवादवाली कुल प्रकृतियाँ 41 हैं - इनको छोड़कर शेष 107 प्रकृतियोंकी उदय और उदीरणामें स्वामित्वकी अपेक्षा कोई भेद नहीं। |
गुणस्थान | व्युच्छिन्न प्रकृतियाँ | अनुदीरणा | पुनः उदीरणा | उदीरणा योग्य | अनुदीरणा | पुनः उदीरणा | कुल उदीरणा |
---|---|---|---|---|---|---|---|
1 | आतप, सूक्ष्म, अपर्याप्त, साधारण, मिथ्यात्व=5 | तीर्थं., आहा. द्विक सम्य. मिश्र=5 | - | 122 | 5 | - | 11 |
2 | 1-4 इंद्रिय, स्थावर, अनंतानुबंधी चतुष्क=9 | नारकानुपूर्वी=1 | - | 112 | 1 | - | 111 |
3 | मिश्र मोहनीय=1 | मनु. तिर्य.देव-आनु.=3 | मिश्रमोह=1 | 102 | 3 | 1 | 100 |
4 | अप्र. चतु., वैक्रि. द्वि., नरकत्रिक, देवत्रिक, मनु.तिर्य. आनु., दुर्भग, अनादेय, अयश=17 | - | चारों. आनु., सम्य.=5 | 99 | 5 | 5 | 104 |
5 | प्रत्या. चतु., तिर्य. आयु. नीच गोत्र, तिर्य. गति, उद्योत=8 | - | आहारक द्विक=2 | 79 | - | 2 | 81 |
7 | सम्य. मोह, अर्धनाराच, कीलित, सृपाटिका=4 | - | - | 73 | - | - | 73 |
8/1 | हास्य, रति, भय, जुगुप्सा=4 | - | - | 69 | - | - | 69 |
8/अंत | अरति, शोक=2 | - | - | 65 | - | - | 65 |
9/15 | सवेद भागमें तीनों वेद=3 | - | - | 63 | - | - | 63 |
9/6 | क्रोध=1 | - | - | 60 | - | - | 60 |
9/7 | मान=1 | - | - | 59 | - | - | 59 |
9/8 | माया=1 | - | - | 58 | - | - | 58 |
9/9 | लोभ (बादर)=X | - | - | 57 | - | - | 57 |
10 | लोभ (सूक्ष्म)=1 | - | - | 57 | - | - | 57 |
11 | वज्र नाराच, नाराच=2 | - | - | 56 | - | - | 56 |
12/i | निद्रा, प्रचला=2 | - | - | 54 | - | - | 55 |
12/ii | 5 ज्ञानावरण, 4 दर्शनावरण, 5 अंतराय=14 | - | - | 52 | - | - | 52 |
13 | (नाना जीवापेक्षा) :- वज्रऋषभनाराच, निर्माण, स्थिर, अस्थिर, शुभ, अशुभ, सुस्वर, दुःस्वर, प्रशस्त-अप्रशस्त, विहायो, औदा.द्वि., तैजस, कार्माण, 6 संस्थान, वर्ण रस, गंध, स्पर्श, अगुरुलघु, उपघात, परघात, उच्छ्वास, प्रत्येक शरीर=29 मनुष्यगति, पंचेंद्रियजाति, सुभग, त्रिस, बादर, पर्याप्त, आदेय, यश, तीर्थंकर, उच्चगोत्र=10 (39) | - | तीर्थंकर=1 | 38 | - | 1 | 38 |
14 | x | x | x | x | x | x | x |
गुणस्थान | कुल उदीरणा योग्य | प्रकृत गुण स्थानकी अवस्थामें कभी भी | प्रकृत गुण स्थानमें अन्यतम प्रकृति की | मरण कालसे 1 आवली पूर्व | |||
---|---|---|---|---|---|---|---|
- | कुल प्रकृति | विशेष | कुल प्रकृति | विशेष | कुल प्रकृति | विशेष | |
1 | 18 | 9 | 1-4 इंद्रिय जातिआतप. स्थावर, सूक्ष्म, अपर्याप्त साधारण | 9 | अनंतानुबंधी चतुष्क, चारों आनुपूर्वी. मनु-मनुष्यायु | 1 | मनुष्यायु |
2 | 9 | - | - | 9 | अनंतानुबंधी चतुष्क, चारों. आनुपूर्वी, मनु. मनुष्यायु | - | - |
3 | 1 | 1 | सम्यग्मिथ्यात्व | - | - | - | - |
4 | 18 | 8 | अप्रत्याख्यानावरण 4, नरक व देवगति वैक्रियक शरीर व अंगोपांग | 5 | दुर्भग, अनादेय, अयश, सम्यक प्रकृति, मनुष्यायु | 7 | चारों आनुपूर्वी, मनुष्य व नरक आयु |
5 | 11 | 8 | प्रत्याख्यानावरण 4, तिर्यंचगति, उद्योत नीचगोत्र | 2 | सम्यक प्रकृति मनुष्यायु | 2 | मनुष्य व तिर्यंच आयु |
6 | 9 | 5 | निद्रा निद्रा, प्रचला, प्रचला, स्त्यानगृद्धि साता असाता | 4 | सम्यक् प्रकृति, मनुष्यायु, आहारक शरीर व अंगोपांग | 3 | मनुष्यायु, आहारक शरीर व अंगोपांग |
7 | 4 | 3 | नीचेवाली तीनों संहनन | 1 | सम्यक्प्रकृति | - | - |
8 | 6 | 6 | हास्य, रति, अरति, शोक भय, जुगुप्सा | - | - | - | - |
9 | 6 | 6 | तीनों वेद, संज्वलन क्रोध, मान, माया | - | - | - | - |
10 | 1 | 1 | संज्वलन लोभ | - | - | - | - |
11 | 2 | 2 | वज्र नाराच, नाराच संहनन | - | - | - | - |
12i | 2 | - | X | - | - | 2 | निद्रा, प्रचला |
12/ii | 14 | - | - | - | - | 14 | 5 ज्ञानावरण, 4 दर्शनावरण, 5 अंतराय |
13 | 38 | 38 | मनुष्यगति, पंचेंद्रिय जाति, औदारिक शरीर व अंगोपांग तैजस, व कार्मण शरीर, छहों संस्थान, वज्रऋषभ नाराच, संहनन, वर्ण, गंध, रस, स्पर्श, अगुरुलघु, उपघात, उच्छ्वास, प्रशस्ताप्रशस्तविहायोगति, त्रस, बादर, पर्याप्त, प्रत्येक, स्थिर, अस्थिर, शुभ, अशुभ, सुभग, सुस्वर, दुःस्वर, आदेय, यश, निर्माण, उच्चगोत्र, तीर्थंकर | - | - | - | - |
14 | X | X | X | X | X | X | X |
नाम प्रकृति | गुणस्थान | एक जीवापेक्षया काल | एक जीवापेक्षया अंतर | नाना जीवापेक्षया अल्प बहुत्व | |||
---|---|---|---|---|---|---|---|
जघन्य | उत्कृष्ट | जघन्य | उत्कृष्ट | अल्प बहुत्व | विशेष का प्रमाण | ||
आयु-(केवल आवली काल अवशेष रहते) | 1 | 1 या 2 समय | 1 आवली कम 33 सागर | 1 आवली | अंतर्मुहूर्त | सर्वतः स्तोक | - |
स्व स्थिति के अंत तक | 2-6 | 1 या 2 समय | 1 आवली कम 33 सागर | 1 आवली | अंतर्मुहूर्त | सर्वतः स्तोक | - |
वेदनीय | 1-6 | अंतर्मुहूर्त | अर्ध पुद्गल परिवर्तन | 1 समय | अंतर्मुहूर्त | विशेषाधिक | अंतिम आवलीमें संचित अनंत |
मोहनीय | 1-10 | अंतर्मुहूर्त | अर्ध पुद्गल परिवर्तन | 1 समय | अंतर्मुहूर्त | विशेषाधिक | 7-10 गुणस्थान वाले जीव |
ज्ञानावरणी | 1-12 | अनादि सांत | अनादि सांत | निरंतर | निरंतर | विशेषाधिक | 1-12 गुणस्थान वाले जीव |
दर्शनावरणी | 1-12 | अनादि सांत | अनादि सांत | निरंतर | निरंतर | विशेषाधिक | 1-12 गुणस्थान वाले जीव |
अंतराय | 1-12 | अनादि सांत | अनादि सांत | निरंतर | निरंतर | विशेषाधिक | 1-12 गुणस्थान वाले जीव |
नाम | 1-13 | अनादि सांत | अनादि सांत | निरंतर | निरंतर | विशेषाधिक | सयोगी केवली प्रमाण |
गोत्र | 1-13 | अनादि सांत | अनादि सांत | निरंतर | निरंतर | विशेषाधिक | सयोगी केवली प्रमाण |
भंग सं. | स्थान का विवरण | गुणस्थान | गुण स्थानके अंत तक या कुछ काल शेष रहते | एक जीवापेक्षया काल | एक जीवापेक्षया अंतर | - | |
---|---|---|---|---|---|---|---|
जघन्य | उत्कृष्ट | जघन्य | उत्कृष्ट | ||||
1 | आठों कर्म | न | अंत तक | 1,2 समय | 33 सागर-1 आवली | 1 आवली | अंतर्मुहूर्त |
2 | आयु बिना 7 कर्म | 1,2,4,5,6 | अंतर्मुहूर्त शेष रहने पर | 1,2 समय | 1 आवली | क्षुद्र भव-1 आवली | 33 सागर-1 आवली |
- | - | 3 | - | यह गुण स्थान नहीं होता | - | - | - |
3 | आयु व वेदनीय बिना 6 | 7-10 | अंत तक | 1,2 समय | अंतर्मुहूर्त | अंतर्मुहूर्त | अर्ध पुद्गल परिवर्तन |
4 | आयु वेदनीय व मोह के बिना-5 कर्म | 10 | आवली शेष रहने पर | 1,2 समय | अंतर्मुहूर्त | अंतर्मुहूर्त | अर्ध पुद्गल परिवर्तन |
- | आयु वेदनीय व मोह के बिना-5 कर्म | 11-12 | अंत तक | 1,2 समय | अंतर्मुहूर्त | अंतर्मुहूर्त | अर्ध पुद्गल परिवर्तन |
5 | नाम व गोत्र=2 कर्म | 12 | आवली शेष रहने पर | अंतर्मुहूर्त | कुछ कम 1 पूर्व कोडि | निरंतर | निरंतर |
- | नाम व गोत्र=2 कर्म | 13 | अंत तक | अंतर्मुहूर्त | कुछ कम 1 पूर्व कोडि | निरंतर | निरंतर |
- | - | 14 | अंत तक | - | - | - | - |
भंग सं. | स्थान का विवरण | गुणस्थान | गुण स्थानके अंत तक या कुछ काल शेष रहते | नाना जीवापेक्षया काल | नाना जीवापेक्षया अंतर | अल्प बहुत्व | ||
---|---|---|---|---|---|---|---|---|
- | - | - | - | जघन्य | उत्कृष्ट | जघन्य | उत्कृष्ट | - |
1 | आयु, मोह, वेदनीयके बिना 5 कर्म | 11-12 | - | 1 समय | अंतर्मुहूर्त | 1 समय | 6 मास | सर्वतःस्तोक |
2 | नाम गोत्र 2 कर्म | 13 | - | सर्वदा | सर्वदा | निरंतर | निरंतर | संख्यात गुणे |
3 | आयु वेदनीय बिना 6 कर्म | 7 | - | सर्वदा | सर्वदा | निरंतर | निरंतर | संख्यात गुणे |
4 | आयु बिना 7 कर्म | 1-6 | - | सर्वदा | सर्वदा | निरंतर | निरंतर | अनंत गुणे |
5 | सर्व ही 8 कर्म | 1-6 | - | सर्वदा | सर्वदा | निरंतर | निरंतर | संख्यात गुणे |