उपोद्घात: Difference between revisions
From जैनकोष
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 2: | Line 2: | ||
<p class="HindiText">= प्रकृत-पदार्थ श्रोताओं की बुद्धि में बैठा देना उपक्रम है। इसका दूसरा नाम '''उपोद्घात''' भी है।</p> | <p class="HindiText">= प्रकृत-पदार्थ श्रोताओं की बुद्धि में बैठा देना उपक्रम है। इसका दूसरा नाम '''उपोद्घात''' भी है।</p> | ||
<p class="HindiText">देखें [[ उपक्रम ]]।</p> | <p class="HindiText">अधिक जानकारी के लिये देखें [[ उपक्रम ]]।</p> | ||
Latest revision as of 10:24, 29 June 2023
महापुराण सर्ग संख्या 2/103
प्रकृतार्थतत्त्वस्य श्रोतृबुद्धौ समर्पणम्। उपक्रमोऽसौ विज्ञेयस्तथोपोद्धात इत्यपि ।103।
= प्रकृत-पदार्थ श्रोताओं की बुद्धि में बैठा देना उपक्रम है। इसका दूसरा नाम उपोद्घात भी है।
अधिक जानकारी के लिये देखें उपक्रम ।