वेणुधारी: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p><li>मानुषोत्तर पर्वत के सर्वरत्न कूट का स्वामी सुपर्णकुमार देव–देखें [[ लोक#5.10 | लोक - 5.10 ]]। | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"><li>मानुषोत्तर पर्वत के सर्वरत्न कूट का स्वामी सुपर्णकुमार देव–देखें [[ लोक#5.10 | लोक - 5.10 ]]। | ||
<li> शाल्मली वृक्ष का रक्षक देव–(देखें [[ लोक#3.13 | लोक - 3.13]]) ।</p> | <li> शाल्मली वृक्ष का रक्षक देव–(देखें [[ लोक#3.13 | लोक - 3.13]]) ।</p> | ||
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== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<div class="HindiText"> <p> असुरकुमार आदि दस जाति के भवनवासी देवो के बीस इंद्र और बीस प्रतींद्रों में छठा इंद्र और प्रतींद्र । यह भगवान महावीर | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> असुरकुमार आदि दस जाति के भवनवासी देवो के बीस इंद्र और बीस प्रतींद्रों में छठा इंद्र और प्रतींद्र । यह भगवान महावीर के केवलज्ञान की पूजा के लिए महीतल पर आया था । <span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 14.54, 57.58 </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:25, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
- मानुषोत्तर पर्वत के सर्वरत्न कूट का स्वामी सुपर्णकुमार देव–देखें लोक - 5.10 ।
- शाल्मली वृक्ष का रक्षक देव–(देखें लोक - 3.13) ।
पुराणकोष से
असुरकुमार आदि दस जाति के भवनवासी देवो के बीस इंद्र और बीस प्रतींद्रों में छठा इंद्र और प्रतींद्र । यह भगवान महावीर के केवलज्ञान की पूजा के लिए महीतल पर आया था । वीरवर्द्धमान चरित्र 14.54, 57.58