वैणस्वर: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> वीणा संबंधी स्वर । श्रुति, वृत्ति, स्वर, ग्राम, वर्ण, अलंकार, मूर्च्छना, धातु और साधारण ये स्वर वैण स्वर कहलाते हैं । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 19.146-147 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> वीणा संबंधी स्वर । श्रुति, वृत्ति, स्वर, ग्राम, वर्ण, अलंकार, मूर्च्छना, धातु और साधारण ये स्वर वैण स्वर कहलाते हैं । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_19#146|हरिवंशपुराण - 19.146-147]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:25, 27 November 2023
वीणा संबंधी स्वर । श्रुति, वृत्ति, स्वर, ग्राम, वर्ण, अलंकार, मूर्च्छना, धातु और साधारण ये स्वर वैण स्वर कहलाते हैं । हरिवंशपुराण - 19.146-147