व्यववहारेशिता: Difference between revisions
From जैनकोष
Anita jain (talk | contribs) mNo edit summary |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<div class="HindiText"> <p> उपासकाध्ययन सूत्र में द्विज के कहे गये दस अधिकारों में छठा अधिकार । परमागम का आश्रय लेने वाले द्विज को प्रायश्चित्त आदि कार्यों में स्वतंत्रता की प्राप्ति उसका व्यवहारेशिताअधिकार कहलाता है । <span class="GRef"> महापुराण 40. 174-177, 192 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> उपासकाध्ययन सूत्र में द्विज के कहे गये दस अधिकारों में छठा अधिकार । परमागम का आश्रय लेने वाले द्विज को प्रायश्चित्त आदि कार्यों में स्वतंत्रता की प्राप्ति उसका व्यवहारेशिताअधिकार कहलाता है । <span class="GRef"> महापुराण 40. 174-177, 192 </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Latest revision as of 15:25, 27 November 2023
उपासकाध्ययन सूत्र में द्विज के कहे गये दस अधिकारों में छठा अधिकार । परमागम का आश्रय लेने वाले द्विज को प्रायश्चित्त आदि कार्यों में स्वतंत्रता की प्राप्ति उसका व्यवहारेशिताअधिकार कहलाता है । महापुराण 40. 174-177, 192