औपदेशिक: Difference between revisions
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<p class="HindiText">= आहार ग्रहण करने से पूर्व उस पात्र के निमित्त से जो कुछ भी अशनपानादिक बनाये गये हैं उन्हें '''औपदेशिक''' कहते हैं। अधःकर्म और औपदेशिक ये दोनों ही द्रव्य पुद्गलमयी हैं।</p> | <p class="HindiText">= आहार ग्रहण करने से पूर्व उस पात्र के निमित्त से जो कुछ भी अशनपानादिक बनाये गये हैं उन्हें '''औपदेशिक''' कहते हैं। अधःकर्म और औपदेशिक ये दोनों ही द्रव्य पुद्गलमयी हैं।</p> | ||
<p class="HindiText">औपदेशिक आहार - देखें [[ उद्दिष्ट ]]।</p> | <p class="HindiText">औपदेशिक आहार - अधिक जानकारी के लिये देखें [[ उद्दिष्ट ]]।</p> | ||
Latest revision as of 10:49, 29 June 2023
समयसार / तात्पर्यवृत्ति गाथा 287
आहारग्रहणात्पूर्वंतस्य पात्रस्य निमित्तं यत्किमप्यशनपानादिकं कृतं तदौपदेशिकं भण्यते।....अधःकर्मोपदेशिकं च पुद्गलमयत्वमेतद्द्रव्यं।
= आहार ग्रहण करने से पूर्व उस पात्र के निमित्त से जो कुछ भी अशनपानादिक बनाये गये हैं उन्हें औपदेशिक कहते हैं। अधःकर्म और औपदेशिक ये दोनों ही द्रव्य पुद्गलमयी हैं।
औपदेशिक आहार - अधिक जानकारी के लिये देखें उद्दिष्ट ।