मणिमाली: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> विद्याधर दंड का पुत्र । इसका पिता आर्तध्यान से मरकर इसके भंडार में अजगर हुआ था । किसी निमित्तज्ञानी ने पिता को विषय-त्याग का उपदेश दिया था । अजगर ने उपदेश सुना और विषयों का त्याग किया । मरकर वह ऋद्धिधारी देव हुआ । इस देव ने आकर इसे एक हार उपहार में दिया । <span class="GRef"> महापुराण 5.117-137 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> विद्याधर दंड का पुत्र । इसका पिता आर्तध्यान से मरकर इसके भंडार में अजगर हुआ था । किसी निमित्तज्ञानी ने पिता को विषय-त्याग का उपदेश दिया था । अजगर ने उपदेश सुना और विषयों का त्याग किया । मरकर वह ऋद्धिधारी देव हुआ । इस देव ने आकर इसे एक हार उपहार में दिया । <span class="GRef"> महापुराण 5.117-137 </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:20, 27 November 2023
विद्याधर दंड का पुत्र । इसका पिता आर्तध्यान से मरकर इसके भंडार में अजगर हुआ था । किसी निमित्तज्ञानी ने पिता को विषय-त्याग का उपदेश दिया था । अजगर ने उपदेश सुना और विषयों का त्याग किया । मरकर वह ऋद्धिधारी देव हुआ । इस देव ने आकर इसे एक हार उपहार में दिया । महापुराण 5.117-137