संतानवाद: Difference between revisions
From जैनकोष
Vandana Jain (talk | contribs) No edit summary |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<div class="HindiText"> <p> तीनों काल में रहने वाले स्कंधों में कार्य-कारण भाव का रहना संतानवाद कहलाता है । <span class="GRef"> महापुराण 63.62-68 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> तीनों काल में रहने वाले स्कंधों में कार्य-कारण भाव का रहना संतानवाद कहलाता है । <span class="GRef"> महापुराण 63.62-68 </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Latest revision as of 15:30, 27 November 2023
तीनों काल में रहने वाले स्कंधों में कार्य-कारण भाव का रहना संतानवाद कहलाता है । महापुराण 63.62-68