असिकर्म: Difference between revisions
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== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<div class="HindiText"> <p> वृषभदेव द्वारा उपदिष्ट आजीविका के छ: कर्मों में एक कर्म-शस्त्र-प्रयोग करके आजीविका प्राप्त करना । <span class="GRef"> महापुराण 16.179-181, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 9. 35 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> वृषभदेव द्वारा उपदिष्ट आजीविका के छ: कर्मों में एक कर्म-शस्त्र-प्रयोग करके आजीविका प्राप्त करना । <span class="GRef"> महापुराण 16.179-181, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_9#35|हरिवंशपुराण - 9.35]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 14:40, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
राजवार्तिक/3/36/2/201/1 असिधनुरादिप्रहरणप्रयोगकुशला असिकर्मार्या:। =तलवार, धनुषादि शस्त्रविद्या में निपुण असिकर्मार्य हैं। ( महापुराण/16/181 )
अन्य मसि आदि भेदों एवं श्रावकों की अन्य क्रियाओं हेतु देखें सावद्य । 3।
पुराणकोष से
वृषभदेव द्वारा उपदिष्ट आजीविका के छ: कर्मों में एक कर्म-शस्त्र-प्रयोग करके आजीविका प्राप्त करना । महापुराण 16.179-181, हरिवंशपुराण - 9.35