आगम बाधित: Difference between revisions
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<span class="GRef"> परीक्षामुख/6/18 </span><span class="SanskritText"> प्रेत्यासुखप्रदो धर्मः पुरुषाश्रितत्वादधर्मवत् ।18। </span> <span class="HindiText"> = धर्म पर भव में दुःख देने वाला है क्योंकि वह पुरुष के अधीन है, जैसे अधर्म। यह '''आगम बाधित''' का उदाहरण है, क्योंकि यहाँ उदाहरण रूप ‘धर्म’ तो परभव में सुख देने वाला है ।18। | <span class="GRef"> परीक्षामुख/6/18 </span><span class="SanskritText"> प्रेत्यासुखप्रदो धर्मः पुरुषाश्रितत्वादधर्मवत् ।18। </span> <span class="HindiText"> = धर्म पर भव में दुःख देने वाला है क्योंकि वह पुरुष के अधीन है, जैसे अधर्म। यह '''आगम बाधित''' का उदाहरण है, क्योंकि यहाँ उदाहरण रूप ‘धर्म’ तो परभव में सुख देने वाला है ।18। <span class="GRef">( न्यायदीपिका/3/63/102/14 )</span> ।</span> | ||
<p class="HindiText"> अन्य भेदों के लिए देखें [[ बाधित ]]।</p> | <p class="HindiText"> अन्य भेदों के लिए देखें [[ बाधित ]]।</p> |
Latest revision as of 22:16, 17 November 2023
परीक्षामुख/6/18 प्रेत्यासुखप्रदो धर्मः पुरुषाश्रितत्वादधर्मवत् ।18। = धर्म पर भव में दुःख देने वाला है क्योंकि वह पुरुष के अधीन है, जैसे अधर्म। यह आगम बाधित का उदाहरण है, क्योंकि यहाँ उदाहरण रूप ‘धर्म’ तो परभव में सुख देने वाला है ।18। ( न्यायदीपिका/3/63/102/14 ) ।
अन्य भेदों के लिए देखें बाधित ।