सिद्धिविनिश्चय: Difference between revisions
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<p class="HindiText">आचार्य अकलंक भट्ट (ई.620-680) कृत यह न्यायविषयक ग्रंथ संस्कृत पद्य बद्ध है। इस पर रचयिता कृत ही एक स्वोपज्ञ वृत्ति है। इसमें 12 अधिकार हैं। मूल ग्रंथ में कुल 28 श्लोक हैं। इस ग्रंथ पर आचार्य अनंतवीर्य (ई.975-1025) कृत एक संस्कृत टीका है। यह सर्व गद्य पद्य व टीका मिलकर 20×30-8 साइज़ के मुद्रित 650 पृष्ठ प्रमाण है। | <p class="HindiText">आचार्य अकलंक भट्ट (ई.620-680) कृत यह न्यायविषयक ग्रंथ संस्कृत पद्य बद्ध है। इस पर रचयिता कृत ही एक स्वोपज्ञ वृत्ति है। इसमें 12 अधिकार हैं। मूल ग्रंथ में कुल 28 श्लोक हैं। इस ग्रंथ पर आचार्य अनंतवीर्य (ई.975-1025) कृत एक संस्कृत टीका है। यह सर्व गद्य पद्य व टीका मिलकर 20×30-8 साइज़ के मुद्रित 650 पृष्ठ प्रमाण है। <span class="GRef">(तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा/2/306)</span> </p> | ||
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Latest revision as of 22:36, 17 November 2023
आचार्य अकलंक भट्ट (ई.620-680) कृत यह न्यायविषयक ग्रंथ संस्कृत पद्य बद्ध है। इस पर रचयिता कृत ही एक स्वोपज्ञ वृत्ति है। इसमें 12 अधिकार हैं। मूल ग्रंथ में कुल 28 श्लोक हैं। इस ग्रंथ पर आचार्य अनंतवीर्य (ई.975-1025) कृत एक संस्कृत टीका है। यह सर्व गद्य पद्य व टीका मिलकर 20×30-8 साइज़ के मुद्रित 650 पृष्ठ प्रमाण है। (तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरा/2/306)