चंद्रशेखर: Difference between revisions
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<div class="HindiText">विशालाक्ष विद्याधर का पुत्र था।49। अर्जुन ने वनवास के समय इसको हराकर अपना सारथी बनाया था।37-38। तब इसकी सहायता से विजयार्ध पर राजा इंद्र की सहायता की थी।58। | |||
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<div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) विद्याधर वंशज एक नृप । यह चंद्र का पुत्र और इंद्र का पिता था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_5#50|पद्मपुराण - 5.50]] </span></p> | |||
<p id="2" class="HindiText">(2) राजा के सेवक विशालाक्ष विद्याधर का पुत्र । अर्जुन ने वनवास के समय इसे पराजित कर अपना सारथी बनाया था । इसके कहने से अर्जुन विजयार्ध पर गया और इंद्र के शत्रुओं का विनाश करके उसे शत्रु रहित किया । <span class="GRef"> पांडवपुराण 17.50, 33-38, 55-56, 60-61 </span></p> | |||
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[[Category: प्रथमानुयोग]] |
Latest revision as of 15:10, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
( पांडवपुराण/17/ श्लोक नं.)
विशालाक्ष विद्याधर का पुत्र था।49। अर्जुन ने वनवास के समय इसको हराकर अपना सारथी बनाया था।37-38। तब इसकी सहायता से विजयार्ध पर राजा इंद्र की सहायता की थी।58।
पुराणकोष से
(1) विद्याधर वंशज एक नृप । यह चंद्र का पुत्र और इंद्र का पिता था । पद्मपुराण - 5.50
(2) राजा के सेवक विशालाक्ष विद्याधर का पुत्र । अर्जुन ने वनवास के समय इसे पराजित कर अपना सारथी बनाया था । इसके कहने से अर्जुन विजयार्ध पर गया और इंद्र के शत्रुओं का विनाश करके उसे शत्रु रहित किया । पांडवपुराण 17.50, 33-38, 55-56, 60-61