अशोकदेव: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> जंबूद्वीप के पूर्व विदेह क्षेत्र मे स्थित पुष्कलावती देश को मृणालवती नामा नगरी का निवासी एक वणिक् । इसकी भार्या जिनदत्ता का सुकांत नाम का पुत्र था? इसी नगर का निवासी श्रीदत्त अपनी पुत्री रतिवेगा को इसी नगर के रतिकर्मा श्रेष्ठी के पुत्र भवदेव को देना चाहता था किंतु भवदेव के धन कमाने के लिए बारह वर्ष तक बाहर रहने से रतिवेगा अशोकदेव के पुत्र सुकांत को दे दी गई थी । <span class="GRef"> महापुराण 46.101-106, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 3.187-195 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> जंबूद्वीप के पूर्व विदेह क्षेत्र मे स्थित पुष्कलावती देश को मृणालवती नामा नगरी का निवासी एक वणिक् । इसकी भार्या जिनदत्ता का सुकांत नाम का पुत्र था? इसी नगर का निवासी श्रीदत्त अपनी पुत्री रतिवेगा को इसी नगर के रतिकर्मा श्रेष्ठी के पुत्र भवदेव को देना चाहता था किंतु भवदेव के धन कमाने के लिए बारह वर्ष तक बाहर रहने से रतिवेगा अशोकदेव के पुत्र सुकांत को दे दी गई थी । <span class="GRef"> महापुराण 46.101-106, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 3.187-195 </span></p> | ||
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Latest revision as of 14:39, 27 November 2023
जंबूद्वीप के पूर्व विदेह क्षेत्र मे स्थित पुष्कलावती देश को मृणालवती नामा नगरी का निवासी एक वणिक् । इसकी भार्या जिनदत्ता का सुकांत नाम का पुत्र था? इसी नगर का निवासी श्रीदत्त अपनी पुत्री रतिवेगा को इसी नगर के रतिकर्मा श्रेष्ठी के पुत्र भवदेव को देना चाहता था किंतु भवदेव के धन कमाने के लिए बारह वर्ष तक बाहर रहने से रतिवेगा अशोकदेव के पुत्र सुकांत को दे दी गई थी । महापुराण 46.101-106, पांडवपुराण 3.187-195