वीतशोक: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
(Imported from text file) |
||
(3 intermediate revisions by one other user not shown) | |||
Line 3: | Line 3: | ||
<ol> | <ol> | ||
<li class="HindiText">एक चंद्र परिवार में अट्ठासी ग्रह होते हैं । उनमें से एक ग्रह का नाम वीतशोक है । देखें [[ ग्रह ]]। </li> | <li class="HindiText">एक चंद्र परिवार में अट्ठासी ग्रह होते हैं । उनमें से एक ग्रह का नाम वीतशोक है । देखें [[ ग्रह ]]। </li> | ||
<li class="HindiText"> विजयार्ध की उत्तर श्रेणी का एक नगर–देखें [[ विद्याधर | <li class="HindiText"> विजयार्ध की उत्तर श्रेणी का एक नगर–देखें [[ विद्याधर#4| विद्याधर- 4]] </li> | ||
</ol> | </ol> | ||
Line 16: | Line 16: | ||
== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<div class="HindiText"> <p> पुष्करवर द्वीप में पश्चिम मेरु के सरिद् देश का एक नगर । चक्रध्वज यहाँ का राजा था । <span class="GRef"> महापुराण 62.364-365 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> पुष्करवर द्वीप में पश्चिम मेरु के सरिद् देश का एक नगर । चक्रध्वज यहाँ का राजा था । <span class="GRef"> महापुराण 62.364-365 </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Latest revision as of 15:25, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
- एक चंद्र परिवार में अट्ठासी ग्रह होते हैं । उनमें से एक ग्रह का नाम वीतशोक है । देखें ग्रह ।
- विजयार्ध की उत्तर श्रेणी का एक नगर–देखें विद्याधर- 4
पुराणकोष से
पुष्करवर द्वीप में पश्चिम मेरु के सरिद् देश का एक नगर । चक्रध्वज यहाँ का राजा था । महापुराण 62.364-365