चंद्रप्रभा: Difference between revisions
From जैनकोष
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<div class="HindiText"> <p id="1">(1) दीक्षाभूमि खंडवन पहुँचने के लिए तीर्थंकर महावीर की इस नाम की पालकी । इसे सर्वप्रथम भूमिपालों ने उठाया था । वे इसे लेकर सप्त पद चले थे । इसके बाद विद्याधर इसे लेकर सप्त पद चले ओर अंत में सभी देवगण इसे आगे ले गये थे । <span class="GRef"> महापुराण 74. 299-302 </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 1.9, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 12.43-47 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText">(1) दीक्षाभूमि खंडवन पहुँचने के लिए तीर्थंकर महावीर की इस नाम की पालकी । इसे सर्वप्रथम भूमिपालों ने उठाया था । वे इसे लेकर सप्त पद चले थे । इसके बाद विद्याधर इसे लेकर सप्त पद चले ओर अंत में सभी देवगण इसे आगे ले गये थे । <span class="GRef"> महापुराण 74. 299-302 </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 1.9, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 12.43-47 </span></p> | ||
<p id="2">(2) चंद्रदेव की देवी । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 60. 108 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) चंद्रदेव की देवी । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_60#108|हरिवंशपुराण - 60.108]] </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Latest revision as of 14:42, 27 November 2023
(1) दीक्षाभूमि खंडवन पहुँचने के लिए तीर्थंकर महावीर की इस नाम की पालकी । इसे सर्वप्रथम भूमिपालों ने उठाया था । वे इसे लेकर सप्त पद चले थे । इसके बाद विद्याधर इसे लेकर सप्त पद चले ओर अंत में सभी देवगण इसे आगे ले गये थे । महापुराण 74. 299-302 पांडवपुराण 1.9, वीरवर्द्धमान चरित्र 12.43-47
(2) चंद्रदेव की देवी । हरिवंशपुराण - 60.108