तथाविधत्व: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
Komaljain7 (talk | contribs) mNo edit summary |
||
(6 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<span class="GRef"> प्रवचनसार / तात्पर्यवृत्ति/95/125/15 </span><span class="SanskritText">तथाविधत्वं कोऽर्थ:, उत्पादव्ययध्रौव्यगुणपर्यायस्वरूपेण परिणमंति तथा सर्वद्रव्याणि स्वकीयस्वकीययथोचितोत्पादव्ययध्रौव्यैस्तथैव गुणपर्यायैश्च सह यद्यपि संज्ञालक्षणप्रयोजनादिभिर्भेदं कुर्वंति तथापि सत्तास्वरूपेण भेदं न कुर्वंति, स्वभावत एव तथाविधत्वमवलंबते। </span>=<span class="HindiText"><strong>प्रश्न</strong>–तथाविधत्व का क्या अर्थ है ? <strong>उत्तर</strong>–(द्रव्य) उत्पाद, व्यय, ध्रौव्य, और गुण पर्यायों स्वरूप से परिणमन करते हैं। वो ऐसे–सर्व ही द्रव्य अपने-अपने यथोचित उत्पाद, व्यय, ध्रौव्य के साथ और गुण पर्यायों के साथ यद्यपि संज्ञा, लक्षण और प्रयोजनादि से भेद को प्राप्त होते हैं, तथापि सत्तास्वरूप द्रव्य से भेद को प्राप्त नहीं होते हैं। स्वभाव से ही उस स्वरूप का अवलंबन करते हैं। | |||
</span> | </span> | ||
<noinclude> | |||
[[ | [[ तत्प्रायोगिक शब्द | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[Category:त]] | [[ तदाहृतादान | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | |||
[[Category: त]] | |||
[[Category: द्रव्यानुयोग]] |
Latest revision as of 15:23, 13 August 2022
प्रवचनसार / तात्पर्यवृत्ति/95/125/15 तथाविधत्वं कोऽर्थ:, उत्पादव्ययध्रौव्यगुणपर्यायस्वरूपेण परिणमंति तथा सर्वद्रव्याणि स्वकीयस्वकीययथोचितोत्पादव्ययध्रौव्यैस्तथैव गुणपर्यायैश्च सह यद्यपि संज्ञालक्षणप्रयोजनादिभिर्भेदं कुर्वंति तथापि सत्तास्वरूपेण भेदं न कुर्वंति, स्वभावत एव तथाविधत्वमवलंबते। =प्रश्न–तथाविधत्व का क्या अर्थ है ? उत्तर–(द्रव्य) उत्पाद, व्यय, ध्रौव्य, और गुण पर्यायों स्वरूप से परिणमन करते हैं। वो ऐसे–सर्व ही द्रव्य अपने-अपने यथोचित उत्पाद, व्यय, ध्रौव्य के साथ और गुण पर्यायों के साथ यद्यपि संज्ञा, लक्षण और प्रयोजनादि से भेद को प्राप्त होते हैं, तथापि सत्तास्वरूप द्रव्य से भेद को प्राप्त नहीं होते हैं। स्वभाव से ही उस स्वरूप का अवलंबन करते हैं।