दूत: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
(Imported from text file) |
||
(5 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<ol class="HindiText"> | | ||
<li> आहार का एक | == सिद्धांतकोष से == | ||
<li> वसतिका का एक दोष–देखें | <ol class="HindiText"> | ||
<li> आहार का एक दोष–देखें [[ आहार#II.4 | आहार - II.4]]।</li> | |||
<li> वसतिका का एक दोष–देखें [[ वस्तिका ]]। </li> | |||
</ol> | </ol> | ||
<noinclude> | |||
[[ | [[ दूण्यकुटी | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[Category:द]] | [[ दूध शुद्धि | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | |||
[[Category: द]] | |||
== पुराणकोष से == | |||
<div class="HindiText"> <p class="HindiText"> संदेशवाहक । राज्य संचालन में इनका बड़ा महत्त्व है । ये तीन प्रकार के होते हैं― निःसृष्टार्थ, मितार्थ और पत्रवाहक । <span class="GRef"> महापुराण 43.202 </span></p> | |||
</div> | |||
<noinclude> | |||
[[ दूण्यकुटी | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[ दूध शुद्धि | अगला पृष्ठ ]] | |||
</noinclude> | |||
[[Category: पुराण-कोष]] | |||
[[Category: द]] | |||
[[Category: चरणानुयोग]] |
Latest revision as of 15:10, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
- आहार का एक दोष–देखें आहार - II.4।
- वसतिका का एक दोष–देखें वस्तिका ।
पुराणकोष से
संदेशवाहक । राज्य संचालन में इनका बड़ा महत्त्व है । ये तीन प्रकार के होते हैं― निःसृष्टार्थ, मितार्थ और पत्रवाहक । महापुराण 43.202