मेघ: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 13: | Line 13: | ||
== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<div class="HindiText"> <p id="1"> (1) मेघदल नगर का एक श्रेष्ठी । इसकी सेठानी अलका तथा पुत्री चारुलक्ष्मी थी । भीमसेन पांडव इसका दामाद था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 46. 14-15 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) मेघदल नगर का एक श्रेष्ठी । इसकी सेठानी अलका तथा पुत्री चारुलक्ष्मी थी । भीमसेन पांडव इसका दामाद था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_46#14|हरिवंशपुराण - 46.14-15]] </span></p> | ||
<p id="2">(2) सौधर्म और ऐशान युगल स्वर्ग का बीसवाँ इंद्रक विमान एवं पटल । इस विमान की चारों दिशाओं में चवालीस श्रेणीबद्ध विमान हैं । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 6. 45 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) सौधर्म और ऐशान युगल स्वर्ग का बीसवाँ इंद्रक विमान एवं पटल । इस विमान की चारों दिशाओं में चवालीस श्रेणीबद्ध विमान हैं । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_6#45|हरिवंशपुराण - 6.45]] </span></p> | ||
<p id="3">(3) राजा समुद्रविजय का पुत्र । इसके ग्यारह बड़े भाई और तीन छोटे भाई थे । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 48. 44 </span></p> | <p id="3" class="HindiText">(3) राजा समुद्रविजय का पुत्र । इसके ग्यारह बड़े भाई और तीन छोटे भाई थे । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_48#44|हरिवंशपुराण - 48.44]] </span></p> | ||
<p id="4">(4) लंका का राक्षसवंशी एक नृप । यह इंद्रप्रभ के बाद राजा हुआ था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_5#394|पद्मपुराण - 5.394]] </span></p> | <p id="4" class="HindiText">(4) लंका का राक्षसवंशी एक नृप । यह इंद्रप्रभ के बाद राजा हुआ था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_5#394|पद्मपुराण - 5.394]] </span></p> | ||
<p id="5">(5) विजया पर्वत का एक नगर । इसे लक्ष्मण ने जीता था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_94#4|पद्मपुराण - 94.4]] </span></p> | <p id="5" class="HindiText">(5) विजया पर्वत का एक नगर । इसे लक्ष्मण ने जीता था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_94#4|पद्मपुराण - 94.4]] </span></p> | ||
<p id="6">(6) यादवों का पक्षधर एक राजा । कृष्ण की सुरक्षा के लिए दायीं ओर तथा बायीं ओर नियुक्त किये गये राजाओं में यह एक राजा था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 50. 121 </span></p> | <p id="6" class="HindiText">(6) यादवों का पक्षधर एक राजा । कृष्ण की सुरक्षा के लिए दायीं ओर तथा बायीं ओर नियुक्त किये गये राजाओं में यह एक राजा था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_50#121|हरिवंशपुराण - 50.121]] </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Latest revision as of 15:20, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
सौधर्म स्वर्ग का 20वाँ पटल- देखें स्वर्ग_देव 5.3 ।
पुराणकोष से
(1) मेघदल नगर का एक श्रेष्ठी । इसकी सेठानी अलका तथा पुत्री चारुलक्ष्मी थी । भीमसेन पांडव इसका दामाद था । हरिवंशपुराण - 46.14-15
(2) सौधर्म और ऐशान युगल स्वर्ग का बीसवाँ इंद्रक विमान एवं पटल । इस विमान की चारों दिशाओं में चवालीस श्रेणीबद्ध विमान हैं । हरिवंशपुराण - 6.45
(3) राजा समुद्रविजय का पुत्र । इसके ग्यारह बड़े भाई और तीन छोटे भाई थे । हरिवंशपुराण - 48.44
(4) लंका का राक्षसवंशी एक नृप । यह इंद्रप्रभ के बाद राजा हुआ था । पद्मपुराण - 5.394
(5) विजया पर्वत का एक नगर । इसे लक्ष्मण ने जीता था । पद्मपुराण - 94.4
(6) यादवों का पक्षधर एक राजा । कृष्ण की सुरक्षा के लिए दायीं ओर तथा बायीं ओर नियुक्त किये गये राजाओं में यह एक राजा था । हरिवंशपुराण - 50.121