वह्निप्रभ: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> (1) विद्याधरों का एक नगर । इसे लक्ष्मण ने अपने अधीन किया था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_94#4|पद्मपुराण - 94.4]] </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> (1) विद्याधरों का एक नगर । इसे लक्ष्मण ने अपने अधीन किया था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_94#4|पद्मपुराण - 94.4]] </span></p> | ||
<p id="2">(2) एक ज्योतिष्क देव । इसने वंशधर पर्वत पर विराजमान देशभूषण और कुलभूषण मुनियों पर अनेक उपसर्ग किये थे । वहाँ राम और लक्ष्मण के आने पर उन्हें क्रमश बलभद्र और नारायण जानकर यह उनके भय से तिरोहित हो गया था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_39#59|पद्मपुराण - 39.59-74]] </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) एक ज्योतिष्क देव । इसने वंशधर पर्वत पर विराजमान देशभूषण और कुलभूषण मुनियों पर अनेक उपसर्ग किये थे । वहाँ राम और लक्ष्मण के आने पर उन्हें क्रमश बलभद्र और नारायण जानकर यह उनके भय से तिरोहित हो गया था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_39#59|पद्मपुराण - 39.59-74]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:21, 27 November 2023
(1) विद्याधरों का एक नगर । इसे लक्ष्मण ने अपने अधीन किया था । पद्मपुराण - 94.4
(2) एक ज्योतिष्क देव । इसने वंशधर पर्वत पर विराजमान देशभूषण और कुलभूषण मुनियों पर अनेक उपसर्ग किये थे । वहाँ राम और लक्ष्मण के आने पर उन्हें क्रमश बलभद्र और नारायण जानकर यह उनके भय से तिरोहित हो गया था । पद्मपुराण - 39.59-74