नरसेन: Difference between revisions
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सिद्धचक्क कहा वड्ढमाण कहा, श्रीपाल चरित आदि के रचयिता एक अपभ्रंश कवि गृहस्थ। समय–वि.श.14 का मध्य। (ती./4/223)। | |||
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Latest revision as of 11:19, 8 September 2022
सिद्धचक्क कहा वड्ढमाण कहा, श्रीपाल चरित आदि के रचयिता एक अपभ्रंश कवि गृहस्थ। समय–वि.श.14 का मध्य। (ती./4/223)।