अगुरुलघुत्व: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p class="HindiText"> [[सिद्ध]] के आठ गुणों में एक गुण । यह कर्म तथा नोकर्म के विनाश से उत्पन्न होता है । <span class="GRef"> महापुराण 20.222-223, 42. 104 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> अगुरुलघुत्व [[सिद्ध]] परमेष्ठी के आठ गुणों में एक गुण है । यह कर्म तथा नोकर्म के विनाश से उत्पन्न होता है । <span class="GRef"> महापुराण 20.222-223, 42. 104 </span></p> | ||
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Latest revision as of 21:41, 25 November 2024
अगुरुलघुत्व सिद्ध परमेष्ठी के आठ गुणों में एक गुण है । यह कर्म तथा नोकर्म के विनाश से उत्पन्न होता है । महापुराण 20.222-223, 42. 104