विसंवाद: Difference between revisions
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<span class="GRef"> न्यायविनिश्चय/वृत्ति/1/4/118/13 </span><span class="SanskritText">संवादो निर्णय एवं ‘नातः परो विसंवादः’ इति वचनात्। तदीभावो विसंवादः। </span><p class="HindiText">=संवाद निर्णय रूप होता है, क्योंकि ‘इससे दूसरा विसंवाद है’ ऐसा वचन पाया जाता है। उसका अभाव अर्थात् निर्णय रूप न होना और वैसे ही व्यर्थ में चर्चा करते रहना, सो '''विसंवाद''' है। </p> | |||
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Latest revision as of 13:26, 31 January 2023
न्यायविनिश्चय/वृत्ति/1/4/118/13 संवादो निर्णय एवं ‘नातः परो विसंवादः’ इति वचनात्। तदीभावो विसंवादः।
=संवाद निर्णय रूप होता है, क्योंकि ‘इससे दूसरा विसंवाद है’ ऐसा वचन पाया जाता है। उसका अभाव अर्थात् निर्णय रूप न होना और वैसे ही व्यर्थ में चर्चा करते रहना, सो विसंवाद है।
देखें वाद ।