अप्रदेशी: Difference between revisions
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<span class="GRef">सर्वार्थसिद्धि अध्याय 5/1/266 </span><p class="SanskritText">यथाणोः प्रदेशमात्रत्वाद् द्वितीयादयोऽस्य प्रदेशा न संतीत्यप्रदेशोऽणुः तथाकालपरमाणुरप्येकप्रदेशत्वादप्रदेश इति।</p> | |||
<p class="HindiText">= जिस प्रकार अणु एक प्रदेशरूप होने के कारण उसके द्वितीयादि प्रदेश नहीं होते, इसलिए अणु को अप्रदेशी कहते हैं, उसी प्रकार काल परमाणु भी एक प्रदेशरूप होने के कारण अप्रदेशी है।</p> | |||
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सर्वार्थसिद्धि अध्याय 5/1/266
यथाणोः प्रदेशमात्रत्वाद् द्वितीयादयोऽस्य प्रदेशा न संतीत्यप्रदेशोऽणुः तथाकालपरमाणुरप्येकप्रदेशत्वादप्रदेश इति।
= जिस प्रकार अणु एक प्रदेशरूप होने के कारण उसके द्वितीयादि प्रदेश नहीं होते, इसलिए अणु को अप्रदेशी कहते हैं, उसी प्रकार काल परमाणु भी एक प्रदेशरूप होने के कारण अप्रदेशी है।