शंख: Difference between revisions
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<p id="8" class="HindiText">(8) धातुकीखंड द्वीप के ऐरावतक्षेत्र में विजयार्ध पर्वत की दक्षिण श्रेणी के मंदारनगर का राजा । जयादेवी इसकी रानी तथा पृथिवीतिलका पुत्री थी । <span class="GRef"> (महापुराण 63. 168-170) </span></p> | |||
<p id="9" class="HindiText">(9) आगामी आठवें तीर्थंकर का जीव । <span class="GRef"> (महापुराण 76.471-472) </span></p> | |||
<p id="10">(10) रावण का एक योद्धा । <span class="GRef"> ([[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_57#53|पद्मपुराण - 57.53]],[[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_57#66|पद्मपुराण - 57.66]].25) </span></p> | |||
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Latest revision as of 15:25, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
- चक्रवर्ती की नवनिधियों में से एक-देखें शलाका पुरुष।
- प्रतिमा के 108 उपकरणों में से एक-देखें चैत्य ।
- यादववंशी कृष्ण का 23वाँ पुत्र-देखें इतिहास ।
- लवण समुद्र में स्थित एक पर्वत-देखें लोक - 5.9।
- अपर विदेहस्थ एक क्षेत्र-देखें लोक - 5.2।
- आशीविष वक्षार का एक कूट व उसका रक्षक देव-देखें लोक - 5.4।
पुराणकोष से
(1) कृष्ण का पुत्र । (हरिवंशपुराण - 48.71)
(2) भरतक्षेत्र में हस्तिनापुर नगर के निवासी सेठ श्वेतवाहन और सेठानी बंधुमती का पुत्र । इसने अपने मित्र निर्नामक का पूर्वभव सुनकर मुनि द्रुमषेण से दीक्षा ले ली थी । (महापुराण 71. 260-261, 287), (हरिवंशपुराण - 33.141,हरिवंशपुराण - 33.164)
(3) चक्रवर्ती भरतेश की नौ निधियों में एक निधि । (महापुराण 37.81), (हरिवंशपुराण - 11.110, 120)
(4) हरिवंशी राजा नभसेन का पुत्र । यह राजा भद्र का पिता था । (हरिवंशपुराण - 17.35)
(5) लवणसमुद्र की पश्चिम दिशा के वडवामुख पाताल-विवर का समीपवर्ती एक पर्वत । (हरिवंशपुराण - 5.462)
(6) एक वाद्य । इसे फूंक कर बनाया जाता है । (महापुराण 13.13, 17.113)
(7) जंबूद्वीप के भरतक्षेत्र का एक नगर । वैश्य देविल इसी नगर का निवासी था । (महापुराण 62.494)
(8) धातुकीखंड द्वीप के ऐरावतक्षेत्र में विजयार्ध पर्वत की दक्षिण श्रेणी के मंदारनगर का राजा । जयादेवी इसकी रानी तथा पृथिवीतिलका पुत्री थी । (महापुराण 63. 168-170)
(9) आगामी आठवें तीर्थंकर का जीव । (महापुराण 76.471-472)
(10) रावण का एक योद्धा । (पद्मपुराण - 57.53,पद्मपुराण - 57.66.25)