हस्तकर्म: Difference between revisions
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<span class="GRef"> भगवती आराधना / विजयोदया टीका 613/812/6 | |||
<p class="SanskritText">छेदनं भेदनं, पेषणमभिधातो, व्यधनं, खननं, | </span><p class="SanskritText">छेदनं भेदनं, पेषणमभिधातो, व्यधनं, खननं, बंधनं, स्फाटनं, प्रक्षालनं, रंजनं, वेष्टनं, ग्रंथनं, पूरणं, समुदायकरणं, लेपनं, क्षेपणं आलेखनमित्यादि संक्लिष्ट हस्तकर्म।</p> | ||
<p class="HindiText">छेदन करना, भेदन करना, पीसना, आघात करना, चुभना, खोदना, बाँधना, फाड़ना, धोना, रँगाना, वेष्टन करना, गूँथना, पूर्ण करना, एकत्र करना, लेपन करना, फेंकना, चित्र बनाना आदि कार्य को संक्लिष्ट हस्तकर्म कहते हैं।</p> | <p class="HindiText">छेदन करना, भेदन करना, पीसना, आघात करना, चुभना, खोदना, बाँधना, फाड़ना, धोना, रँगाना, वेष्टन करना, गूँथना, पूर्ण करना, एकत्र करना, लेपन करना, फेंकना, चित्र बनाना आदि कार्य को संक्लिष्ट हस्तकर्म कहते हैं।</p> | ||
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Latest revision as of 22:24, 17 October 2022
भगवती आराधना / विजयोदया टीका 613/812/6
छेदनं भेदनं, पेषणमभिधातो, व्यधनं, खननं, बंधनं, स्फाटनं, प्रक्षालनं, रंजनं, वेष्टनं, ग्रंथनं, पूरणं, समुदायकरणं, लेपनं, क्षेपणं आलेखनमित्यादि संक्लिष्ट हस्तकर्म।
छेदन करना, भेदन करना, पीसना, आघात करना, चुभना, खोदना, बाँधना, फाड़ना, धोना, रँगाना, वेष्टन करना, गूँथना, पूर्ण करना, एकत्र करना, लेपन करना, फेंकना, चित्र बनाना आदि कार्य को संक्लिष्ट हस्तकर्म कहते हैं।