संघातिम: Difference between revisions
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< | <span class="GRef"> धवला 9/4,1,65/272/13 </span><span class="PrakritText">तत्थ गंथणकिरियाणिप्फण्णं फुल्लमादिदव्वं गंथिमं णाम। वायणकिरियाणिप्फण्णं सुप्प-पच्छियाचं गेरि-किदय-चालणि-कंबल-वत्थादिदव्वं वाइमं णाम। सुत्तिधुवकोसपल्लादिदव्वं वेदणकिरियाणिप्फण्णं वेदिमं णाम। तलावलि-जिणहराहिट्ठाणादिदव्वं पूरणकिरियाणिप्फण्णं पूरिमं णाम। कट्टिमजिणभवण घर-पायार-थूहादिदव्वं कट्टिट्ठय पत्थरादिसंघादणकिरियाणिप्पणं '''संघादिमं''' णाम। णिंबंबजंबुजंबीरादिदव्वं अहोदिमकिरियाणिप्फण्णमहोदिमं णाम। अहोदिमकिरियासचित्त-अचित्तदव्वाणं रोवणकिरिएत्ति वुत्तं होदि। पोक्खरिणी-वावी-कूव-तलाय-लेण-सुरुंगादिदव्वं णिक्खोदणकिरियाणिप्फण्णं णिक्खोदिमं णाम। णिक्खोदणं-खणणमिदिवुत्तं होदि। एक्क-दु-तिउणसुत्त-डोरावेट्ठादिदव्वमोवेल्लणकिरियाणिप्पण्णमोवेल्लिमं णाम। गंथिम-वाइमादिदव्वाणमुव्वेल्लणेण जाददव्वमुव्वेल्लिमं णाम। चित्तारयाणमण्णेसिं च वण्णुप्पायणकुसलाणं किरियाणिप्पण्णदव्वं णर-तुरयादिबहुसंठाणंवण्णंणामपिट्ठपिट्ठियाकणिकादिदव्वं चुण्णणकिरियाणिप्फण्णं चुण्णं णाम। बहूणं दव्वाणं संजोगेणुप्पाइदगंधपहाणं दव्वं गंधं णाम। घुट्ठ-पिट्ठ-चंदण-कुंकु-मादिदव्वं विलेवणं णाम।</span>= <span class="HindiText">..... काष्ठ, ईंट और पत्थर आदि की संघातन क्रिया से सिद्ध हुए कृत्रिम जिनभवन, गृह, प्राकार और स्तूप आदि द्रव्य <strong>संघातिम</strong> कहलाते हैं।.....</span><br> | ||
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धवला 9/4,1,65/272/13 तत्थ गंथणकिरियाणिप्फण्णं फुल्लमादिदव्वं गंथिमं णाम। वायणकिरियाणिप्फण्णं सुप्प-पच्छियाचं गेरि-किदय-चालणि-कंबल-वत्थादिदव्वं वाइमं णाम। सुत्तिधुवकोसपल्लादिदव्वं वेदणकिरियाणिप्फण्णं वेदिमं णाम। तलावलि-जिणहराहिट्ठाणादिदव्वं पूरणकिरियाणिप्फण्णं पूरिमं णाम। कट्टिमजिणभवण घर-पायार-थूहादिदव्वं कट्टिट्ठय पत्थरादिसंघादणकिरियाणिप्पणं संघादिमं णाम। णिंबंबजंबुजंबीरादिदव्वं अहोदिमकिरियाणिप्फण्णमहोदिमं णाम। अहोदिमकिरियासचित्त-अचित्तदव्वाणं रोवणकिरिएत्ति वुत्तं होदि। पोक्खरिणी-वावी-कूव-तलाय-लेण-सुरुंगादिदव्वं णिक्खोदणकिरियाणिप्फण्णं णिक्खोदिमं णाम। णिक्खोदणं-खणणमिदिवुत्तं होदि। एक्क-दु-तिउणसुत्त-डोरावेट्ठादिदव्वमोवेल्लणकिरियाणिप्पण्णमोवेल्लिमं णाम। गंथिम-वाइमादिदव्वाणमुव्वेल्लणेण जाददव्वमुव्वेल्लिमं णाम। चित्तारयाणमण्णेसिं च वण्णुप्पायणकुसलाणं किरियाणिप्पण्णदव्वं णर-तुरयादिबहुसंठाणंवण्णंणामपिट्ठपिट्ठियाकणिकादिदव्वं चुण्णणकिरियाणिप्फण्णं चुण्णं णाम। बहूणं दव्वाणं संजोगेणुप्पाइदगंधपहाणं दव्वं गंधं णाम। घुट्ठ-पिट्ठ-चंदण-कुंकु-मादिदव्वं विलेवणं णाम।= ..... काष्ठ, ईंट और पत्थर आदि की संघातन क्रिया से सिद्ध हुए कृत्रिम जिनभवन, गृह, प्राकार और स्तूप आदि द्रव्य संघातिम कहलाते हैं।.....
अधिक जानकारी के लिये देखें निक्षेप - 5.9।