अंक: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
No edit summary |
||
(24 intermediate revisions by 5 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
== सिद्धांतकोष से == | | ||
< | == सिद्धांतकोष से == | ||
< | <ol> | ||
< | <li class="HindiText"> <span class="GRef">( धवला पुस्तक 5/प्रस्तावना 27)</span> (Number) <span class="HindiText"> शून्य से नौ तक की संख्या के सूचक चिह्न । </li> | ||
< | <li class="HindiText">सौधर्म स्वर्ग का 17वाँ पटल व इंद्रक - देखें [[ स्वर्ग#5.3 | स्वर्ग - 5.3]]। </li> | ||
[[ | <li class="HindiText">रुचक पर्वतस्थ एक कूट - देखें [[ लोक#5.13 | लोक - 5.13]]।</li> | ||
[[Category: | <li class="HindiText">मानुषोत्तर व कुंडल पर्वतस्थ कूट - देखें [[ लोक#5.10 | लोक - 5.10]], [[ लोक#5.12 | 12]]।</li> | ||
</ol> | |||
<noinclude> | |||
[[ aaaa | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[ अंककूट | अगला पृष्ठ ]] | |||
</noinclude> | |||
[[Category: अ]] | |||
== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<p id="1"> (1) नौ अनुदिश विमानों में आठवा विमान । हरिवंशपुराण 6. 64. [[ अनुदिश#1 | | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) नौ अनुदिश विमानों में आठवा विमान । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_6#64|हरिवंशपुराण - 6.64]]. </span>देखें [[ अनुदिश#1 | अनुदिश - 1]]</p> | ||
<p id="2"> (2) रुचकवर द्वीप के रुचकवर पर्वत का उत्तरदिशावर्ती दूसरा कूट । यहाँ मिश्रकेशी देवी रहती है । हरिवंशपुराण 5.715 [[ रुचकवर | | <p id="2" class="HindiText"> (2) रुचकवर द्वीप के रुचकवर पर्वत का उत्तरदिशावर्ती दूसरा कूट । यहाँ मिश्रकेशी देवी रहती है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_5#715|हरिवंशपुराण - 5.715]] </span> </p> | ||
<p class="HindiText">देखें [[ रुचकवर#2|रुचकवर - 2 ]]</p> | |||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
[[ | [[ aaaa | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[ अंककूट | अगला पृष्ठ ]] | [[ अंककूट | अगला पृष्ठ ]] | ||
Line 20: | Line 32: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: अ]] | [[Category: अ]] | ||
[[Category: करणानुयोग]] |
Latest revision as of 22:49, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
- ( धवला पुस्तक 5/प्रस्तावना 27) (Number) शून्य से नौ तक की संख्या के सूचक चिह्न ।
- सौधर्म स्वर्ग का 17वाँ पटल व इंद्रक - देखें स्वर्ग - 5.3।
- रुचक पर्वतस्थ एक कूट - देखें लोक - 5.13।
- मानुषोत्तर व कुंडल पर्वतस्थ कूट - देखें लोक - 5.10, 12।
पुराणकोष से
(1) नौ अनुदिश विमानों में आठवा विमान । हरिवंशपुराण - 6.64. देखें अनुदिश - 1
(2) रुचकवर द्वीप के रुचकवर पर्वत का उत्तरदिशावर्ती दूसरा कूट । यहाँ मिश्रकेशी देवी रहती है । हरिवंशपुराण - 5.715
देखें रुचकवर - 2